भिवानी, 6 सितंबर (हप्र)
विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा द्वारा जारी की गई सूची से राजपूत समाज काफी नाराज है। शुक्रवार को भाजपा के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष ठाकुर विक्रम सिंह ने पत्रकारवार्ता में कहा कि पार्टी को घोषित की गई टिकटों पर दोबारा से विचार करना चाहिए। उन्होंने राजपूत समाज की राजनीतिक भागीदारी सुनिश्चित करने की मांग भी की। उन्होंने कहा कि बची हुई सीटों में से राजपूत समाज को 5-6 सीटें दी जाएं।
ठाकुर विक्रम सिंह ने कहा कि हरियाणा के उत्थान एवं विकास में राजपूत समाज की अहम भागीदारी रही है, लेकिन इसके बावजूद भाजपा द्वारा प्रदेश भर में घोषित की गई 67 विधानसभा सीटों पर केवल मात्र एक सीट रादौर से राजपूत समाज को मिली है, जोकि अपेक्षा से बहुत ही कम है। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर से उनके पास संदेश आ रहे हैं कि आप भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं और बताएं कि हमारे वोट नोटा में जाएं या चुनाव का बहिष्कार करें। इसीलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह, राजनाथ सिंह, धर्मेंद्र प्रधान, बिप्लव देव, मनोहर लाल खट्टर, नायब सिंह सैनी, मोहन लाल बड़ौली सहित अन्य शीर्ष नेतृत्व से वे मांग करते है कि राजपूत समाज की पीड़ा समझे व उनके साथ न्याय करें। उन्हे विधानसभा चुनाव में उचित सीटें देकर समाज के असंतोष को कम करें व उन्हे सम्मान देने का काम करें। उन्होंने कहा कि प्रदेश के प्रबुद्धजनों की बैठक 10 सितंबर को स्थानीय शकुंतला गार्डन में बुलाई गई है। जिसमें आगामी रणनीति तैयार की जाएगी। उसके बाद 25 सितंबर की हरियाणा प्रदेश की महापंचायत शकुंतला गार्डन में बुलाई गई है, जिसमें समाज की दिशा व दशा देखकर आगामी 5 अक्तूबर के लिए राजपूत समाज बड़ा फैसला लेगा।
अग्रवाल वैश्य समाज के प्रदेश महामंत्री राजेश सिंगला व बलराम गुप्ता ने कहा कि पार्टी ने जिस प्रकार से वैश्य समाज के लोगों की अनदेखी की है, वह असहनीय है। उन्होंने कहा कि वैश्य समाज चाहता था कि पार्टी पिछले चुनाव की तुलना में एक दो टिकट ज्यादा दी जाती। भाजपा ने चार टिकट काटकर समाज को संदेश दिया है कि अब शायद भाजपा को वैश्य समाज की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि 2019 के चुनाव में भाजपा ने 90 में से 40 सीट जीती थी। वैश्य समाज से 7 प्रत्याशी जीत कर आए और बाकी 81 में से पार्टी के केवल 33 नेता विधायक बने।