रमेश सरोए/ हप्र
करनाल, 6 सितंबर
विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा द्वारा पहली लिस्ट जारी करते ही कई जगह बगावत शुरू हो गई। करनाल विधानसभा क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं रहा। दो बार लगातार मेयर रहीं रेणु बाला गुप्ता ने भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष व पूर्व सीएम मनोहर लाल के मीडिया कार्डिनेटर रहे जगमोहन आंनद को टिकट मिलने से बगावती सुर अपना लिए लिए हैं।
गुप्ता। -हप्र
रेणु बाला गुप्ता करनाल में भाजपा की एक प्रभावशाली नेता मानी जाती हैं। हालांकि अभी तक रेणु बाला गुप्ता ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान नहीं किया हैं, लेकिन इस संभावना से इंकार भी नहीं किया हैं। आठ सितंबर को करनाल में बैठक बुलाई गई हैं। उसके बाद ही पता चलेगा कि रेणु बाला गुप्ता चुनाव लड़ेंगी या नहीं। इतना तय है कि अगर रेणु बाला गुप्ता आजाद प्रत्याशी के तौर पर विधानसभा चुनाव लड़ती है तो भाजपा सीट पर बुरी तरह से फंस जाएगी। सीट पर वैश्य समुदाय के करीब 40 हजार वोट हैं तो पंजाबी समुदाय के 60 हजार। भाजपा के रणनीतिकारों को डर है कि अगर वैश्य समुदाय जो परपंरागत तौर पर भाजपा का कोर वोटर रहा हैं और इस सीट को प्रतिष्ठा का सवाल बना लिया तो भाजपा के हाथ से सीट छिटक सकती हैं। जो भाजपा किसी भी हाल में नहीं चाहेगी। रेणु बाला गुप्ता 2014 से 2024 तक लगातार दो बार मेयर का चुनाव जीत चुकी हैं, जिसके चलते उनके पास चुनाव लड़ने का अच्छा खासा अनुभव हैं। यही नहीं निवर्तमान मेयर को भाजपा के कई नेताओं का समर्थन हासिल हैं, जो जगमोहन आंनद को टिकट मिलने से खासे नाराज बताए जा रहे हैं। रेणु बाला गुप्ता ने कहा कि उन्हें बहुत पीड़ा हो रही है, उन्होंने लगातार हर कार्य सेवाभाव से किया है, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला। दो दिनों से उनका मन काफी आहत हैं। आठ सितंबर को समर्थकों की बैठक बुलाई है, जैसा भी आदेश समर्थकों का होगा। उसे माना जाएगा। अगर समर्थक कहेंगे कि चुनाव में जाना चाहिए तो चुनाव लड़ा जाएगा। दूसरी ओर अभी तक कांग्रेस पार्टी ने टिकट का ऐलान नहीं किया है। फिलहाल सीट पर रेणु बाला गुप्ता के विरोध की आवाज दिल्ली तक सुनी जा रही है।