चंडीगढ़, 8 सितंबर (ट्रिन्यू)
चंडीगढ़ मिलेट्स एंबेसडर गुनीत स्वानी एक ऐसे कॉन्सेप्ट का प्रचार कर रही हैं जो यूनिक है। वे भोजन और मानवीय भावनाओं के बीच वैज्ञानिक संबंध के बारे में विभिन्न मंचों पर बात करती हैं। गुनीत की बातचीत उनके द्वारा तैयार की गई एक महत्वपूर्ण थीम – ‘हमारे जीवन में भावना के रूप में भोजन का महत्व’ पर केंद्रित रहती है।
हाल ही में टेडएक्स सुखना (TEDxSukhna Lake) इवेंट में इस थीम पर उन्होंने विचार रखे। कार्यक्रम में गुनीत सहित कई दूरदर्शी लोगों ने ‘अतीत, वर्तमान और भविष्य’ थीम पर अपने विचार और दृष्टिकोण साझा किए। गुनीत के संबोधन को हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने भी खुलकर सराहा। शुक्ला इस कार्यक्रम के चीफ गेस्ट थे।
गुनीत ने बताया कि भोजन के साथ भावनाएं किस तरह जुड़ी हुई हैं। उन्होंने कहा कि “हमें वास्तव में यह समझने की आवश्यकता है कि भोजन क्या है। भोजन केवल पोषण के बारे में नहीं है, बल्कि एक भावना है जो हमारे जीवन में खालीपन को भरती है। भोजन वास्तव में हमारी भावनाओं और संवेदनाओं को संभालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।’
Insightful Talk by Guneet Swani at Tedxsukhna Lake!
Guneet Swani shared fascinating insights on how food affects our lives and its surprising link to our memory.
Her talk highlighted the important connection between what we eat and our mental health. #GuneetSwani pic.twitter.com/Hg6i1jsAlm
— TEDxSukhna Lake (@tedxsukhna) September 6, 2024
उन्होंने भोजन और भावना के बीच संबंध को समझाने के लिए अपना व्यक्तिगत अनुभव साझा किया। उन्होंने बताया कि किसी पसंदीदा व्यंजन की सुगंध आपको अपने बचपन में वापस ले जा सकती है, जबकि किसी प्रिय व्यंजन का स्वाद गर्मजोशी और प्यार की भावना पैदा कर सकता है।
उन्होंने कहा, ‘प्रियजनों के साथ भोजन साझा करने से बंधन बनते हैं और अपनेपन की भावना बढ़ती है। भोजन मेरे लिए किसी टीचर और मार्गदर्शन के सोर्स से कम नहीं रहा है।’
बाद में पत्रकारों से बातचीत में गुनीत ने कहा कि भोजन एक ऐसा पुल है जो अतीत, वर्तमान और भविष्य को जोड़ता है, परंपरा, इनोवेशन और आकांक्षा के धागों को एक साथ बुनता है। यह हमारे पूर्वजों की विरासत को आगे बढ़ाता है, पीढ़ियों से चली आ रही रेसिपी और व्यंजनों को पकाने की कला को संरक्षित करता है, और भोजन के हर निवाले के साथ इतिहास का स्वाद मिलता है। वर्तमान में, भोजन हमारी संस्कृतियों की विविधता और आधुनिक पाककला की रचनात्मकता को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि’उत्सव या दुख के समय में, भोजन एक निरंतर साथी होता है, जो सांत्वना और खुशी प्रदान करता है। चाहे वह घर के बने खाने का आराम हो या कुछ नया आज़माने का उत्साह, भोजन हमारी भावनाओं के साथ गहराई से जुड़ता है, जिससे यह हमारे जीवन और अनुभवों का एक अभिन्न अंग बन जाता है। भोजन हमारे जीवन में बहुत आराम लाता है। यह हमें भावनात्मक तौर पर भी काफी मजबूत बनाता है।
गुनीत स्वानी मिलेट्स की एक उत्साही समर्थक के रूप में न्यूट्रीशनल रेनॉसांस (पोषण पुनर्जागरण) के मामले में सबसे आगे हैं, जो इसे हीलिंग फूड और जलवायु परिवर्तन के सामने एक स्थायी विकल्प, दोनों के रूप में पेश करतीं हैं। इवेंट के बाद मीडिया से बात करते हुए गुनीत ने कहा कि उन्हें लगता है कि भोजन पोषण से कहीं अधिक है। भोजन केवल कैलोरी का स्रोत नहीं है, बल्कि जब हम खाते और पकाते हैं तो बहुत सारी भावनाएं शामिल होती हैं।’
गुनीत ने कहा, ‘जब हम भूखे होते हैं और खाने के लिए तरसते हैं, तो इससे जलन या ‘भूख’ की भावनाएं पैदा हो सकती हैं, जो हमें असंतुलित कर सकती हैं। एक तरह से हमारा गट अक्सर ‘गाइडिंग सिस्टम’ के रूप में काम करता है, इसलिए इसका ध्यान रखना जरूरी है। जहाँ कैलोरी सामग्री आदि जैसी चीज़ों के बारे में सचेत रहना ज़रूरी है, खासकर अगर आपको कोई ख़ास स्वास्थ्य संबंधी चिंता है, वहीँ लगातार भोजन का मूल्यांकन करने के बजाय उसकी सराहना करना भी महत्वपूर्ण है।’
गुनीत ने कहा कि “भोजन एक ऐसी भावना है जो संस्कृतियों, भाषाओं और सीमाओं से परे है। इसमें यादें जगाने और लोगों को इस तरह से जोड़ने की शक्ति है जो कुछ अन्य चीज़ें नहीं कर सकतीं। इसलिए इसके किसी भी पहलू को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।”
गुनीत ने चंडीगढ़ में स्वास्थ्य चेतना के युग की शुरुआत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, उन्होंने सिटी ब्यूटीफुल को भारत का पहला हेल्दी स्मार्ट सिटी बनाने की दिशा में काम किया है। साल 2023 में, इंटरनेशनल मिलेट्स ईयर के दौरान, गुनीत स्वानी के नेतृत्व ने न केवल मिलेट्स को मुख्यधारा की पाक कलाओं में पेश किया, बल्कि इकोलॉजिकल संरक्षण और एग्रीकल्चरल सस्टेनेबिल्टी में उनकी भूमिका पर भी जोर दिया।