मनीमाजरा (चंडीगढ़), 8 सितंबर (हप्र)
अमेरिका से आईं नामी प्रवासी साहित्यकार डॉ. सरिता मेहता की अध्यक्षता में रविवार को वरिष्ठ साहित्यकार प्रेम विज के निवास स्थान पर उपन्यास ‘कुमुदिनी’ पर चर्चा हुई। गौरतलब है कि उपन्यास इस वर्ष पंजाब, सेंट्रल यूनिवर्सिटी बठिंडा में एमए के पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है।
प्रेम विज ने कहा, सोलह उपन्यास लिखना बड़ी बात नहीं है लेकिन सभी उपन्यास चर्चा में आएं, बड़ी बात है। उन्होंने बसरा की गलियां उपन्यास पर एक पेपर लिखा था और एक गोष्ठी में मंच से कहा था कि अजय शर्मा आगे चलकर बड़ा कथाकार बनेगा, मोहन राकेश, भीष्म साहनी, अज्ञेय, निर्मल वर्मा सरीखे लेखकों की परंपरा को बरकरार रखेगा। उन्हें इस बात की खुशी है कि उनकी बात पर अजय शर्मा ने मोहर लगा दी।
ऋजु कौशिक ने कहा कि वह अजय शर्मा के उपन्यास लगातार पढ़ते आ रहे हैं व बहुत पहले इनके उपन्यासों को पढ़कर जान गए थे कि आने वाले समय में डाक्टर अजय शर्मा एक उभरता सितारा बनेगा और आज वह सितारा हमारे सामने है। प्रसिद्ध लेखक डॉक्टर विनोद शर्मा ने कहा कि उपन्यास पढ़कर लगता ही नहीं कि हम उपन्यास पढ़ रहे हैं। पढ़ते समय ऐसा लगता है कि कोई फिल्म हमारे सामने चल रही है। उपन्यास की कथा वस्तु बड़े सुंदर ढंग से उठाई गई है, जो युवा पीढ़ी का मार्ग प्रशस्त करती है।
अध्यक्षीय वक्तव्य में डाॅक्टर सरिता मेहता ने कहा कि वह इस बात को लेकर आशान्वित हैं कि पंजाब में अब भी अच्छा साहित्य रचा जा रहा है। इसका प्रमाण डॉ. अजय शर्मा सरीखे लेखक हैं। डॉ. अजय शर्मा पंजाब के ऐसे कथाकार हैं, जिन्होंने केवल पंजाब का ही नहीं, बल्कि पूरे भारत का नाम रौशन किया है।