नयी दिल्ली, 8 सितंबर (एजेंसी)
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) छत्तीसगढ़ के बस्तर के सबसे अधिक नक्सल-हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में चार हजार से अधिक कर्मियों वाली चार बटालियनों को तैनात कर रहा है। यह मार्च 2026 तक माओवादी समस्या को समाप्त करने के केंद्र सरकार के नवीनतम संकल्प के अनुरूप एक ‘निर्णायक लड़ाई’ शुरू करने की रणनीति का हिस्सा है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पिछले महीने छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में इस समय सीमा की घोषणा करते हुए इस बात पर जोर दिया था कि देश को वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) से मुक्त करने के लिए एक मजबूत कार्य योजना की आवश्यकता है।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि सीआरपीएफ ने झारखंड से तीन और बिहार से एक बटालियन को वापस बुलाया है। इनकी तैनाती रायपुर से करीब 450 से 500 किलोमीटर दक्षिण स्थित बस्तर क्षेत्र में की जाएगी।
दिल्ली में बल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ये बटालियनें सीआरपीएफ की कोबरा इकाइयों के साथ मिलकर जिलों के दूरदराज के इलाकों में और अधिक अग्रिम परिचालन बेस (एफओबी) स्थापित करेंगी। पिछले तीन वर्षों में बल ने छत्तीसगढ़ में लगभग 40 एफओबी बनाए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे बेस स्थापित करने में कई तरह की चुनौतियां आती हैं।