वाशिंगटन, 9 सितंबर (भाषा)
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने टेक्सास में भारतीय-अमेरिकी समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय राजनीति में प्रेम, सम्मान और विनम्रता का अभाव है और उन्होंने यह मानने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की भी आलोचना की कि भारत ‘एक विचार है।
राहुल ने लोकसभा में विपक्ष का नेता बनने के बाद भारतीय प्रवासी समुदाय के साथ अपने पहले संवाद के दौरान डलास में रविवार को ये टिप्पणियां कीं। उन्होंने कहा कि आरएसएस मानता है कि भारत एक विचार है। हम मानते हैं कि भारत विचारों की विविधता वाला देश है।
Shri @RahulGandhi received a warm welcome from the Indian Diaspora and members of the Indian Overseas Congress.
📍Dallas Fort Worth International Airport, Texas, USA pic.twitter.com/8cMeNqDWoB
— Congress (@INCIndia) September 8, 2024
उन्होंने कहा कि अमेरिका की तरह हमारा भी मानना है कि हर किसी को भागीदारी की अनुमति दी जानी चाहिए। हम मानते हैं कि हर किसी को सपने देखने का हक होना चाहिए और जाति, भाषा, धर्म, परंपरा, इतिहास की परवाह किए बगैर हर किसी को अवसर मिलना चाहिए। राहुल ने कहा कि यही लड़ाई है। चुनाव में यह लड़ाई तब चरम पर पहुंच गयी जब भारत में लाखों लोगों को साफ समझ आ गया कि भारत के प्रधानमंत्री देश के संविधान पर हमला कर रहे हैं। मैं आपसे कह रहा हूं कि (भारत) एक राज्यों का संघ है, वहां भाषाओं का सम्मान है, धर्मों का सम्मान है, परंपराओं का सम्मान है, जाति का सम्मान है। यह सब संविधान में है।
कांग्रेस नेता ने अपने संबोधन में कहा कि उनकी भूमिका भारतीय राजनीति में प्रेम, सम्मान और विनम्रता के मूल्यों को स्थापित करने की है। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि हमारी राजनीतिक प्रणालियों और दलों में जिस चीज का अभाव है, वह प्रेम, सम्मान और विनम्रता है। सभी मनुष्यों से प्रेम, जरूरी नहीं कि केवल एक धर्म, एक समुदाय, एक जाति, एक राज्य या एक भाषा बोलने वाले लोगों से ही प्रेम हो।
हर किसी का सम्मान हो
राहुल ने कहा कि हर उस व्यक्ति का सम्मान होना चाहिए जो भारत का निर्माण करने का प्रयास कर रहा है, न केवल सबसे शक्तिशाली बल्कि सबसे कमजोर व्यक्ति का सम्मान होना चाहिए और विनम्रता केवल दूसरों में नहीं, बल्कि स्वयं में होनी चाहिए। मुझे लगता है कि मैं अपने आप को इसी तरह देखता हूं।” लोकसभा चुनाव परिणामों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अपने दम पर बहुमत हासिल करने में नाकाम रहने के परोक्ष संदर्भ में राहुल ने कहा, ‘‘लोग कह रहे थे कि भाजपा हमारी परंपरा पर हमला कर रही है, हमारी भाषा आदि पर हमला कर रही है। उन्हें समझ आ गया कि जो भी भारत के संविधान पर हमला कर रहा है, वह हमारी धार्मिक परंपरा पर भी हमला कर रहा है।
संविधान पर हमला स्वीकार नहीं
नेता विपक्ष ने कहा कि हमने देखा कि चुनाव नतीजे आने के कुछ मिनटों के भीतर भारत में कोई भी भाजपाई, प्रधानमंत्री से डर नहीं रहा था। ये बड़ी उपलब्धियां हैं। ये भारत के लोगों की बड़ी उपलब्धियां हैं जिन्होंने लोकतंत्र को महसूस किया, जिन्होंने महसूस किया कि हम अपने संविधान पर हमले को स्वीकार नहीं करेंगे। हम अपने धर्म पर हमले को स्वीकार नहीं करेंगे। हम अपने राज्यों पर हमले को स्वीकार नहीं करेंगे।
भारत-अमेरिका एक दूसरे की जरूरत
कांग्रेस सांसद ने कहा कि अमेरिका को भारत की जरूरत है और इसी तरह भारत को अमेरिका की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भारतीय प्रवासी समुदाय दोनों देशों के बीच एक ‘सेतु’ है। उन्होंने कहा कि मेरी राय में आपको इन दो घरों के बीच स्वतंत्र रूप से यात्रा करनी चाहिए। आपको भारत का विचार अमेरिका में लाना चाहिए और अमेरिका के विचार भारत में लाने चाहिए। कांग्रेस नेता ने कहा कि आपकी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है क्योंकि इन दोनों संघों के बीच के रिश्ते दोनों के भविष्य का निर्धारण करने वाले हैं।