तरुण जैन/हप्र
रेवाड़ी, 8 सितंबर
जिले की राजनीति में रविवार का दिन काफी अहम रहा। टिकटों की घोषणा के बाद भाजपा में जबरदस्त अंतर्कलह उभर कर सामने आई है। रेवाड़ी व कोसली हलकों में कई बागियों ने निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा करते हुए भारी वर्षा के बीच पंचायतों का आयोजन किया। इन बागियों के खुलकर सामने आने से रेवाड़ी भाजपा प्रत्याशी लक्ष्मण सिंह यादव व कोसली से अनिल डहीना की मुश्किलें बढ़ गई हैं। लक्ष्मण सिंह रुठों को मनाने के लिए भरसक प्रयास कर रहे हैं।
टिकट कटने से नाराज कोसली से पूर्व मंत्री बिक्रम ठेकेदार, रेवाड़ी विधानसभा से जिला परिषद के पूर्व चेयरमैन सतीश यादव व प्रशांत उर्फ सन्नी ने रविवार को अलग-अलग पंचायतें आयोजित की। भारी बरसात के बावजूद इनकी पंचायतों में लोगों की भारी भीड़ जुटी। तीनों नेताओं ने बीजेपी प्रत्याशियों के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। सतीश यादव और प्रशांत उर्फ सन्नी 11 सितंबर को नामांकन करेंगे।
जिला परिषद के पूर्व चेयरमैन सतीश यादव ने नगर के कोनसीवास रोड स्थित एक वैवाहिक समारोह स्थल में पंचायत कर पार्टी के फैसले पर असंतोष जताया। भारी वर्षा के बावजूद उनके सैकड़ों समर्थक पंचायत में पहुंचे। उन्होंने रेवाड़ी की बदहाली के लिये सीधे-सीधे पूर्व मंत्री व कांग्रेस नेता कै. अजय सिंह यादव को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि 20 लोगों की कमेटी बना दी गई है। जल्द ही वह अपना निर्णय बता देगी। कांग्रेस और भाजपा दोनों अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर चुकी है। ऐसे में किस पार्टी से चुनाव लड़ा जाए, यह कमेटी तय करेगी। उन्होंने कहा कि अगर उनकी किसी पार्टी से बात नहीं बनी, तो वह निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि वे 11 सितंबर को नामांकन दाखिल करेंगे। बता दें कि सतीश यादव रेवाड़ी हलका से पिछले दो चुनाव लड़ चुके हैं और उन्हें भारी जनसमर्थन मिला था।
पूर्व सहकारिता मंत्री बिक्रम ठेकेदार ने कोसली के नयागांव रोड स्थित कैंप कार्यालय में पंचायत बुलाई और कहा कि उन्होंने विधायक रहते हुए विधानसभा में रागनी व चुटकले सुनाने की बजाए क्षेत्र के काम कराने में रुचि दिखाई। उन्होंने कोसली के वर्तमान विधायक लक्ष्मण सिंह पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वे रागनी व चुटकले सुनाने में व्यस्त रहे। इसलिये पार्टी ने उनकी कोसली से टिकट काट दी। उन्होंने आरोप लगाया कि एक नेता के प्रभाव के चलते उन्हें जहां रेवाड़ी से टिकट दिया गया है, वहीं अनिल यादव डहीना को उन पर थोप दिया गया है। उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का संकेत देते हुए कहा कि वे अपने कार्यकर्ताओं व समर्थकों से विमर्श करके अगले दो दिन में निर्णायक फैसला लेंगे। गौरतलब है कि उन्होंने अभी पार्टी छोड़ने की घोषणा नहीं की है।
पूर्व जिला पार्षद सन्नी यादव ने अपने पैतृक गांव बूढ़पुर में पंचायत बुलाकर निर्दलीय के तौर पर चुनाव लडऩे की घोषणा कर दी। इनकी पंचायत में भी सैकड़ों लोग पहुंचे। उन्होंने भाजपा के एक वरिष्ठ नेता राव इन्द्रजीत सिंह का नाम लिये बिना धोखा देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राज घरानों की राजनीति अब खत्म होनी चाहिए। इनके नेता खुद के विकास के सिवाये जनता की नहीं सोचते। उन्होंने कहा कि वे अब जनता की टिकट पर चुनाव लड़ेंगे और 11 सितम्बर को लाव-लश्कर के साथ नामांकन करेंगे। गौरतलब है कि प्रशांत सन्नी 2019 में भी निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़े थे और शानदार उपस्थिति दर्ज कराते हुए 22 हजार वोट प्राप्त किये थे।
उक्त तीनों नेताओं की नाराजगी कोसली व रेवाड़ी के भाजपा प्रत्याशियों पर कितनी भारी पड़ेगी, यह आने वाला समय बताएगा। रेवाड़ी में टिकट कटने से नाराज होने वालों में उक्त तीनों नेताओं के अतिरिक्त पूर्व विधायक रणधीर सिंह कापड़ीवास, हरियाणा पर्यटन निगम के पूर्व चेयरमैन अरविन्द यादव व पीपीपी स्टेट कॉर्डिनेटर रहे सतीश खोला भी शामिल हैं। यद्यपि सतीश खोला सुलह होने के बाद लक्ष्मण यादव के चुनाव प्रचार में जुट गए हैं।