सुशील शर्मा/निस
लोहारू, 8 सितंबर
दक्षिण हरियाणा का अंतिम हलका लोहारू इन दिनों हाॅट सीट बना हुआ है। भाजपा की पहली सूची में टिकट पाकर जहां वित्त मंत्री जेपी दलाल ने प्रचार के पहिए की स्पीड 100 से ऊपर कर डाल दी है, वहीं कांग्रेस पार्टी के नेताओं को अभी टिकट की घोषणा का इंतजार है। सूत्रों का मानना है कि कांग्रेस पार्टी श्योराण और गैर श्योराण गौत्र के जाट प्रत्याशी के भंवर में उलझी है। रविवार को कांग्रेस-आप के गठबंधन के बीच लोहारू सीट आप के खाते में जाने की चर्चाओं से अलग ही समीकरण बन रहे हैं।
लोहारू हलके मेें श्योराण खाप के 52 गांव आते हैं। खाप के लोग दावा करते हैं कि हलके में उनके 60 हजार से भी अधिक वोट हैं, इसलिए वे जिसे चाहेंगे, उसे हलके का विधायक बनाएंगे। इस चाहत को खाप के लोग 12 विधानसभा चुनाव में अपना श्योराण विधायक चुनकर पूरा करते आए हैं। लेकिन जब से परिसीमन में सतनाली के 17 गांव हट गए और सिवानी के गांव जुड़ गए, तब से उनकी ये चाहत पूरी नहीं हो पा रही है। श्योराण ही विधायक बनने की परंपरा को सबसे पहले इनेलो के ओमप्रकाश गौरा ने तोड़ दिया। इसके बाद रही सही कसर जेपी दलाल ने गत विधानसभा चुनाव में पूरी कर दी।
भाजपा ने इस बार भी जेपी दलाल को मैदान में उतारा है। लेकिन कांग्रेस पार्टी श्योराणों की लामबंदी के चलते अभी उधेड़बुन में चल रही है। पूर्व सीएम चौ. बंसीलाल के दामाद सोमबीर सिंह श्योराण के तीन चुनावी हार के कारण पैमाने के तहत टिकट की दौड़ से बाहर कर दिया जा रहा है। वहीं, लोग अब भूपेंद्र हुड्डा के नजदीकी बताए जा रहे राजबीर धतरवाल फरटिया का टिकट पक्की मान रहे हैं। श्योराण गौत्र से संबंध रखने वाले टिकट के तीसरे दावेदार फिल्म अभिनेता राज बब्बर के मित्र राज गागड़वास के पुत्र नरेंद्र राज गागड़वास को बताया जा रहा है। श्योराणों के ही दम पर जिला पार्षद चुनाव में राजबीर फरटिया को हराने का वजनदार प्रोफाइल ये कांग्रेस हाईकमान तक रखने में कामयाब बताए जा रहे हैं। श्योराण गौत्र के लोगों ने शनिवार को महावीर भवन में बैठक करके ऐलान किया था कि रविवार को सिधनवा गांव में उनके उद्गम स्थल बाबा सिद्धनाथ धाम में पंचायत करके निर्णय लिया जाएगा। यहां उन्होंने खुलकर कहा कि कांग्रेस पार्टी या तो श्योराण को टिकट दे या फिर खाप प्रत्याशी निर्दलीय तौर पर उतारने के बारे में विचार करेगी।
इस पर रविवार को सिधनवा गांव में पंचायत हुई। इसमें अधिकतर वक्ताओं ने स्पष्ट किया कि श्योराण खाप सर्वजातीय है, अकेली श्योराण गौत्र की नहीं। इसलिए खाप राजनीति के चक्कर में नहीं पड़ेगी। मतदाता अपने हिसाब से सही-गलत का निर्णय लेकर मतदान करें। खाप के प्रधान कर्मबीर फरटिया ने भी स्पष्ट किया कि चुनावों के लिए खाप की कोई पंचायत नहीं हुई। खाप सामाजिक कामों के लिए बनी है, न कि राजनीति के लिए। बहरहाल टिकट की घोषणा कांग्रेस के लिए तो गले की फांस बनी हुई है, वहीं दावेदारों के साथ-साथ श्योराण खाप के लोगों की दिल की धड़कने भी बढ़ा रही है।