नयी दिल्ली, 9 सितंबर (एजेंसी)
रक्षा मंत्रालय ने सार्वजनिक क्षेत्र की एयरोस्पेस कंपनी ‘हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड’ (एचएएल) के साथ सुखोई-30एमकेआई विमान के लिए 240 एयरो-इंजन की खरीद का 26,000 करोड़ रुपये का समझौता सोमवार को किया। एयरो-इंजन का निर्माण एचएएल के कोरापुट डिवीजन द्वारा किया जाएगा। उम्मीद है कि यह सुखोई-30 बेड़े की परिचालन क्षमता को बनाए रखने के लिए भारतीय वायुसेना की जरूरत को पूरा करेगा।
रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी की उपस्थिति में मंत्रालय और एचएएल के वरिष्ठ अधिकारियों ने अनुबंध पर हस्ताक्षर किए। अनुबंध के तहत आपूर्ति कार्यक्रम के मुताबिक, एचएएल प्रति वर्ष 30 एयरो इंजन की आपूर्ति करेगा। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, सभी 240 इंजनों की आपूर्ति अगले आठ वर्षों में पूरी हो जाएगी। बयान में कहा गया है, ‘इंजनों के विनिर्माण के दौरान, एचएएल देश के रक्षा विनिर्माण परितंत्र से सहायता लेने की योजना बना रहा है, जिसमें एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम) और सार्वजनिक एवं निजी उद्योग शामिल हैं।’
इंजनों के लिए यह सौदा वायुसेना के लड़ाकू विमानों के स्क्वाड्रन में कमी आने और एचएएल द्वारा तेजस विमान की आपूर्ति में देरी संबंधी चिंताओं के बीच हुआ है। वायुसेना के लड़ाकू विमानों के स्क्वाड्रन की संख्या घटकर लगभग 30 रह गई है, जबकि इनकी आधिकारिक स्वीकृत संख्या कम से कम 42 है।