कुरुक्षेत्र, 9 सितंबर (हप्र)
नयी दिल्ली स्थित भारत मंडपम में आयोजित एशियाई ओलंपिक परिषद् (ओसीए) की 44वीं आमसभा में योगासन खेल को एशियाई खेलों में शामिल करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया। यह निर्णय भारतीय खेल विशेषतः योगासन खिलाड़ियों के लिए गर्व का विषय है।
भारत सरकार और योगासन भारत ने इस निर्णय के लिए विशेष प्रयास किए, जिसके परिणामस्वरूप योगासन को एक खेल के रूप में मान्यता दी गई और इसे एशियाई खेलों में स्थान मिला। आमसभा में भारत के राजा रणधीर सिंह को एशियाई ओलंपिक परिषद् के अध्यक्ष के रूप में चुना गया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2026 में जापान के नागोया में होने वाले एशियाई खेलों का कैलेंडर पूर्व में ही तैयार कर लिया गया है, इसलिए 2026 के एशियाई खेलों में योगासन को प्रदर्शन खेल के रूप में सम्मिलित किये जाने का निर्णय लिया गया है। राजा रणधीर सिंह ने कहा कि अन्य खेलों में चोट लगने का खतरा रहता है, लेकिन योगासन खेल में ऐसा नहीं है। योगासन खेल न केवल शारीरिक फिटनेस को बढ़ावा देता है बल्कि मानसिक संतुलन को भी प्रोत्साहित करता है। इसे एशियाई खेलों में शामिल करना एशिया की प्राचीन विरासत को सम्मान देने का एक महत्वपूर्ण कदम है। भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्षा पी.टी. उषा ने जून में एशियाई ओलंपिक परिषद् अध्यक्ष को योगासन को एशियाई खेलों में शामिल करने हेतु प्रस्ताव एक पत्र के माध्यम से भिजवाया था।