चंडीगढ़, 10 सितंबर (टि्रन्यू)
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में बुधवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई गयी है, जिसमें हरियाणा की मौजूदा विधानसभा को भंग करने का फैसला लिया जा सकता है। सरकार के सामने विधानसभा सत्र बुलाने का संवैधानिक संकट है। छह महीनों के भीतर विधानसभा सत्र बुलाया जाना अनिवार्य है। नायब सरकार ने 13 मार्च को विधानसभा का एक दिन का विशेष सत्र बुलाया था। इसके हिसाब से 12 सितंबर तक विधानसभा का सत्र बुलाया जाना अनिवार्य है। सत्र नहीं बुलाने की स्थिति में सरकार के सामने विधानसभा को भंग करने का ही विकल्प बचता है। सरकार से जुड़े सूत्रों का कहना है कि चुनावी माहौल के बीच सरकार विधानसभा का सत्र बुलाने के पक्ष में नहीं है। ऐसे में बुधवार को कैबिनेट की मीटिंग में मौजूदा 14वीं विधानसभा को भंग करने की सिफारिश राज्यपाल को करने का निर्णय लिया जा सकता है। कैबिनेट से आई सिफारिश पर राज्यपाल की मुहर के बाद विधानसभा भंग हो जाएगी। साथ ही, राज्यपाल मुख्यमंत्री व मौजूदा कैबिनेट को नयी सरकार के गठन तक केयर टेकर गवर्नमेंट के तौर पर जिम्मेदारी दे देंगे। अगर सरकार एक दिन का सत्र बुलाती है, तो इसके बाद विधानसभा भंग करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।