कीर्तिशेखर
जिंदगीभर एक ही कैरियर से चिपके रहना,क्या अब ये पुराने जमाने की बात हो चुकी है? हालांकि विशेषज्ञ कहते हैं, यह आप पर निर्भर करता है कि आप कैरियर शब्द को कैसे परिभाषित करते हैं? लेकिन सच यही है कि आजकल जैसे-जैसे इंसान की औसतन आयु बढ़ती जा रही,वैसे-वैसे कैरियर की दूसरी पारी जैसी टर्म भी खूब लोकप्रिय होती जा रही है, विशेषकर जापान और यूरोप के देशों में जहां लोगों की औसत आयु दुनिया में सबसे अच्छी है। जापान,इटली स्विट्जरलैंड,नार्वे जैसे देशों में अब कैरियर की दूसरी पारी एक हकीकत है। हालांकि कैरियर शब्द के दायरे में दुनिया के सभी तरह के कामकाज आते हैं,जो एक दूसरे से सर्वथा भिन्न और कई बार तो एक-दूसरे के लिए अबूझ जैसे होते हैं। मसलन बिजली मैकेनिक और हलवाई के काम। इसलिए एक हलवाई जिंदगी के शायद ही कभी बिजली मैकेनिक जैसे कैरियर के प्रति आकर्षित हो और एक मैकेनिक शायद ही कभी हलवाई के काम के बारे में सोचे।
मिलते-जुलते पेशों में सभावनाएं
लेकिन मिलते-जुलते पेशों की भी एक विस्तृत दुनिया है, मसलन एक पत्रकार कैरियर की दूसरी पारी के रूप में बड़े आराम से किसी प्रकाशन कंपनी में एडिटर,कंसल्टिंग एडिटर,आइडिया क्रिएटर या प्रकाशन जगत के दर्जनों दूसरे कामों में खुद को स्विच ओवर कर सकता है। क्योंकि ये सभी काम कमोबेश उसके पहले वाले काम से ही कहीं न कहीं जाकर जुड़ते हैं। इसलिए यह कहना ज्यादा सुरक्षित है कि हम अपने पहले वाले कैरियर के ही वर्ग के दूसरे किसी काम से कैरियर की दूसरी पारी के रूप में आसानी से जुड़ सकते हैं। इसलिए हम सब के पास अपने पहले कैरियर से मिलते-जुलते जो दूसरे काम होते हैं,आमतौर पर दूसरे कैरियर के रूप में हम उन्हें ही अक्सर चुनते हैं। ‘कैरियर’ को हम काम के एक समूह के रूप में समझें।
आमदन के साथ ही पसंदीदा काम
यदि आप अपना वित्तीय आमदन और रुचि वृद्धि जारी रखना चाहते हैं, तो अलग-अलग रास्ते अपनाना और भी बेहतर है। उदाहरण के लिए आप स्पोर्ट्स कोच रहे हैं और दूसरे कैरियर के रूप में एक डिविज़नल वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी हैं तो यह पारी सिर्फ पैसे कमाने के लिए नहीं है, आपके लिए बहुत कुछ नया सीखने और अपने मातहतों को बहुत कुछ सिखाने का अवसर है। ऐसी दूसरी पारी सिर्फ आर्थिक दृष्टि से ही लाभप्रद नहीं है,ऐसी पारी आपकी उम्र बढ़ाती है,मानसिक रूप से आपको सक्रिय रखती है और आर्थिक स्थिति तो बेहतर बनाती ही है। दरअसल, सबसे अच्छा क्या है, इसके लिए आपको अपने लक्ष्यों को पहचानना और स्पष्ट करना होगा। इस कैरियर के बारे में सोचने का एक नया ढंग है, दूसरी पारी की शुरुआत का मौक़ा। पूरी जिंदगी के लिए कैरियर योजना बनाना और उस पर काम करना अब कई बार काम नहीं आता है।
कामकाजी दुनिया में विशेषज्ञता
भारत जैसे देश में जो लोग तेज़ी से बदलती कामकाजी दुनिया में किसी भी क्षेत्र के विशेषज्ञ नहीं हैं वे अपनी दूसरी पारी की योजना कैसे बना सकते हैं? डिजिटल तकनीक हमारे कामकाजी जीवन पर प्रभाव डाल रही है और रोज़ाना नई नौकरियां और भूमिकाएं बन रही हैं। सभी पीढ़ियां एक नए और जटिल कार्यस्थल का सामना कर रही हैं,जहां पारंपरिक हिसाब के कैरियर पथ अस्पष्ट हैं। सबको तय करना होता हे कि क्या वे वास्तव में प्रबंधकीय भूमिकाएं निभाना चाहते हैं, जो उन्हें उनके जुनून और विशेषज्ञता से दूर ले जाती हैं। इसके साथ ही स्वरोजगार और अधिक उद्यमी भूमिकाएं चाहने वाले लोगों की बढ़ती संख्या का मतलब है कि स्थायी रोजगार की धारणा खतरे में है। ऐसे में आप खुद ही बेहतर समझ सकते हैं कि इस बदलती दुनिया में कौन सा कैरियर सबसे अच्छा है?
नयी पारी का रोडमैप
सबसे पहला और जरूरी सूत्र है कि खुद पर नियंत्रण रखें। भरोसा करें कि हमारे नियोक्ता भी हमारी कैरियर योजनाओं का समर्थन कर सकते हैं। लेकिन यह हमारे हित में तभी होगा जब हम अपने कैरियर के मालिक बनें और इसके लिए जरूरी कार्रवाई करें। दूसरी सीख यह है कि इसके लिए हमें लचीला बनना चाहिए। कई संभावित कैरियर मार्गों की योजना बनाएं और अपने कौशल, ज्ञान और अनुभव में किसी भी अंतर पर विचार करें ताकि यह समझ सकें कि किन मार्गों में संभावना हो सकती है। बनी-बनाई लकीर पर मत सोचें कुछ अलग तरह से सोचें। आज अगर हम कार्यस्थल में कोई सार्थक काम की तलाश कर रहे हैं तो अपनी क्षमता को साकार करने के लिए आवश्यक किसी भी विकल्प और संभावित समझौतों के बारे में सोचें और मानकर चलें कि रिश्ते मायने रखते हैं। अपने नेटवर्क से अवसरों को कैसे खींच सकते हैं? जैसा कि लिंक्डइन के संस्थापक रीड हॉफमैन कहते हैं, ‘पुराना कैरियर का एस्केलेटर जाम हो गया है। काम के बारे में सदियों पुरानी धारणाएं खत्म हो गई हैं।’ सचमुच अब नई सोच और नए दृष्टिकोण के साथ पारी नंबर दो का समय आ गया है।
-इ.रि.सें.