शिमला, 11 सितंबर (हप्र)
हिमाचल प्रदेश के शहरी विकास एवं लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि आंतरिक सुरक्षा व कानून व्यवस्था बनाये रखने पर सरकार का फोकस है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बाहर से आने वालों, खासतौर पर यूपी व अन्य राज्यों से आने वालों की पहचान का सत्यापन किया जाएगा। स्थानीय प्रशासन के साथ-साथ पुलिस भी सत्यापन का काम करेगी। उन्होंने कहा कि हिमाचल कोई ‘बनाना रिपब्लिक’ नहीं कि लोगों की भावनाओं से चले। विक्रमादित्य सिंह बुधवार को शिमला में पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे।
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि बाहरी राज्यों से गलत पहचान के जरिए अवैध तौर पर हिमाचल आने वाले लोगों की पहचान की जांच होगी। उन्होंने कहा कि जहां तक संजौली मस्जिद विवाद की बात है, नगर निगम शिमला के आयुक्त की अदालत में 2010 से मुकदमा चल रहा है। इस दौरान नगर निगम पर माकपा व भाजपा काबिज रही। पांच साल भाजपा की सरकार भी प्रदेश में रही। मामला सालों से लंबित है। निगमायुक्त की अदालत में मस्जिद के अवैध पाये जाने की स्थिति में इसे जमींदोज किया जाएगा।
लोकनिर्माण मंत्री ने कहा कि जहां तक इसमें अवैध भवन के निर्माण की बात है, उस पर सरकार ने संज्ञान लिया है। अगर ये अवैध पाया जाता है तो निश्चित तौर पर इसे ध्वस्त किया जाएगा। मगर हमें कानून की प्रक्रिया से चलना है।
हिमाचल धर्मांतरण पर रोक लगाने वाला देश का पहला राज्य
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि धर्मांतरण पर रोक लगाने वाला हिमाचल देश का पहला राज्य है। साल 2006 में तत्कालीन मुख्यमंत्री स्व. वीरभद्र सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने राज्य में जबरन धर्मांतरण पर रोक लगाई थी। उन्होंने कहा कि यह हिमाचल के इतिहास में दर्ज है। इसको कोई नहीं बदल सकता। यही नहीं, हिमाचल में सैकड़ों मंदिरों के पुनर्निर्माण के लिए भी करोड़ों रुपए कांग्रेस की सरकार ने समय-समय पर दिए हैं।