चंडीगढ़, 11 सितंबर (ट्रिन्यू)
श्री चैतन्य गौड़ीय मठ सेक्टर 20 में श्री राधा अष्टमी महोत्सव बहुत ही हर्षोल्लास एवं विधि-विधानपूर्वक मनाया गया। मठ मंदिर के प्रवक्ता जयप्रकाश गुप्ता ने बताया कि सर्वप्रथम सुबह मंगला आरती का आयोजन किया गया। तत्पश्चात दोपहर तक संकीर्तन प्रवचन का आयोजन किया गया। इस अवसर पर चंडीगढ़ मठ के स्वामी बामन महाराज ने भक्तों को बताया कि आज ही के दिन राधा रानी इस धरती पर मथुरा गोकुल स्थित रावल नामक स्थान पर प्रकट हुईं थीं। राजा वृष भानु सरोवर में जब कमल का फूल तोड़ने के लिए गए तो उस कमल के फूल में राधा रानी जी बाल अवस्था में प्रगट रूप में उनको प्राप्त हुईं थीं। आज भी रावल में भक्तों का राधा अष्टमी के अवसर पर मेला लगता है। मठ में आज दोपहर ठीक 12 बजे राधा रानी जी के प्रगट समय उन्हें पंचामृत से अभिषेक करवाया गया। उन्हें अति आकर्षक सुंदर पोशाक एवं आभूषण भेंट किए गए। तत्पश्चात 56 तरह के स्वादिष्ट व्यंजनों का भोग लगाया गया। अखिल भारतीय श्री चैतन्य गौड़ीय मठ संस्थान के अध्यक्ष एवं आचार्य दंडी स्वामी श्री भक्त विचार विष्णु महाराज ने कहा कि भगवान कृष्ण की कृपा प्राप्त करने के लिए राधा रानी के प्रगट महोत्सव राधा अष्टमी को धूमधाम हर्ष उल्लास के साथ मनाना चाहिए। राधा रानी के प्रसन्न होने पर भगवान कृष्ण की कृपा स्वयं ही प्राप्त हो जाती है। इस अवसर पर भक्तों ने महासंकीर्तन, प्रवचन नृत्य गान कर आनंद प्राप्त किया, कार्यक्रम के पश्चात भगवान को अर्पित भोग प्रसाद भक्तों में वितरित किया गया।