सोनीपत, 11 सितंबर (हप्र)
इंडियन कॉलोनी में गलत संबंध में बाधा बन रहे शिक्षक की हत्या उनकी पत्नी व पत्नी के प्रेमी, नाबालिग बेटी व चिकित्सक ने षड्यंत्र रचकर की थी। शिक्षक को उनकी पत्नी के प्रेमी ने सीधा नस में एनेस्थीसिया इंजेक्शन की ओवरडोज लगा दी थी जिससे उनकी मौत हो गई थी। इंजेक्शन एमबीबीएस चिकित्सक ने उपलब्ध कराया था। पुलिस ने गिरफ्तार करके शिक्षक की नाबालिग बेटी को नारी निकेतन भेज दिया और पत्नी, उसके प्रेमी व चिकित्सक को रिमांड पर लिया है।
गांव आंवली निवासी चांद सिंह ने 14 मई 2024 को सिटी थाना पुलिस को दी शिकायत में बताया था कि उनके बड़े भाई शिक्षक कृष्ण का शव संदिग्ध अवस्था में घर में मिला है। उन्होंने पुलिस को बताया था कि उनके भाई की शादी वर्ष 2007 में रोहतक के गांव बहु अकबरपुर निवासी मनीषा के साथ हुई थी। कृष्ण के पास एक बेटा और बेटी है। आरोप था कि मनीषा का व्यवहार शुरू से ही ठीक नहीं था। वह अकसर उसके भाई कृष्ण के साथ झगड़ा करती थी। उसके गलत संबंधों व कलह से तंग आकर उनके भाई ने पहले करनाल में रहना शुरू कर दिया था। बाद में वह सोनीपत की इंडियन कॉलोनी में अपना घर बनाकर रहने लगा था। वह घटना के समय गांव जाजी के राजकीय स्कूल में कार्यरत थे।
उसने शिकायत में कहा कि जब उनके भाई स्कूल चले जाते थे तो कृष्ण की पत्नी अपने प्रेमी उत्तर प्रदेश के मेरठ के द्वारिकापुरी निवासी देवेंद्र को घर बुला लेती या उसके पास चली जाती थी। जिसके चलते कृष्ण ने मनीषा को कई बार समझाया था। उसके बावजूद मनीष व उसका प्रेमी देवेंद्र उनके भाई कृष्ण हो की धमकी देते थे। पंचायत भी हुई थी, जिसमें कृष्ण के ससुराल पक्ष ने अपनी बेटी का ही साथ दिया था। आरोप था कि मनीषा ने अपने बच्चों का भी बहका रखा था। वह वीडियो कॉल पर बच्चों की बात अपने प्रेमी से करवाती थी। बच्चों को भी प्रेमी से मिलवाती थी।
पत्नी व प्रेमी के खिलाफ 22 अप्रैल को कृष्ण ने पुलिस को शिकायत भी दी थी। इसके बाद उसी रात को मनीषा अपने प्रेमी के साथ घर से चली गई थी। उनकी बेटी को पत्नी की सहेली अपने घर ले गई थी।
चांद ने बताया था कि 13 मई की शाम को मनीषा की परिचित ने उनकी बहन कृष्णा के पास फोन कर उसके भाई की मौत की सूचना दी थी। घर जाने पर कृष्ण बेड पर मृत पड़े थे। उसका शरीर नीला पड़ा हुआ था। वहां पर उसकी भतीजी-भतीजा, पत्नी की सहेली और पुलिसकर्मी मौजूद थे। मौके पर ही चांद ने हत्या का आरोप लगाया था।
स्पेशल एंटी गैंगस्टर यूनिट ने उठाया पर्दा
स्पेशल एंटी गैंगस्टर यूनिट प्रभारी इंस्पेक्टर अजय धनखड़ ने बताया कि मामले की जांच उनकी टीम को मिली थी। जिस पर उनकी टीम में शामिल एएसआई पवन कुमार व उनकी टीम ने मनीषा व देवेंद्र को गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने बताया कि घटना की रात को देवेंद्र एनेस्थीसिया इंजेक्शन की ओवरडोज लेकर कृष्ण के घर गया था। उसे घर में अंदर जाने में कृष्ण की नाबालिग बेटी ने मदद की थी। वहां पर सो रहे कृष्ण को पहले एक इंजेक्शन दिया था। उसके उठने पर जबरन नस में इंजेक्शन की ओवरडोज लगा थी जिससे उनकी मौत हो गई थी।
आरोपियों को लिया रिमांड पर
पुलिस ने नाबालिग बेटी को नारी निकेतन भेज दिया है। वहीं मनीषा व उसके प्रेमी उत्तर प्रदेश के मेरठ के द्वारिका पुरी के देवेंद्र को 4 दिन और इजेक्शन मुहैया कराने वाले एमबीबीएस चिकित्सक गांव अटेरना के मोहित को दो दिन के रिमांड पर लिया है।
बहालगढ़ स्थित अस्पताल में हुई थी चिकित्सक से पहचान
चिकित्सक मोहित ने कुछ माह पहले ही बहालगढ़ में अस्पताल खोला था। जहां पर हत्या से 15-20 दिन पहले नींद की गोली खाने के चलते मनीषा को भर्ती कराया था। वहां पर उसने व उसके प्रेमी ने चिकित्सक से ऐसे इंजेक्शन के बारे में पूछा था जो पोस्टमार्टम रिपोर्ट, एफएसएल रिपोर्ट में न आए। बताया जा रहा है कि इसके लिए कुछ रुपये देने की बात कही थी। जिसके बाद चिकित्सक ने इंजेक्शन उपलब्ध कराया था।