नयी दिल्ली, 12 सितंबर (भाषा)
Weather Alert: मध्य भारत में उत्पन्न दबाव क्षेत्र के कारण अगले दो से तीन दिन उत्तराखंड, दिल्ली के साथ ही उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में भारी से अत्यधिक भारी बारिश होने की संभावना है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
सुबह 8:50 बजे जारी आईएमडी की नवीनतम जानकारी के अनुसार, यह दबाव क्षेत्र ग्वालियर के पास शहर से लगभग 50 किलोमीटर उत्तर में और आगरा से 60 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपूर्व में स्थित है। अगले 24 घंटे में इसके उत्तर- उत्तर पूर्वी दिशा की ओर बढ़ने की संभावना है।
आईएमडी ने कहा कि उत्तराखंड में 12 से 14 सितंबर तक हल्की से मध्यम बारिश के आसार है, इसके साथ ही कुछ स्थानों पर भारी से अत्यधिक भारी वर्षा हो सकती है। हरियाणा और दिल्ली में 12 से 15 सितंबर के बीच हल्की से मध्यम बारिश के साथ किसी समय भारी वर्षा भी होने की संभावना है।
इस अवधि के दौरान पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भारी से अत्यधिक भारी वर्षा हो सकती है। मध्यप्रदेश में 12 सितंबर को भारी बारिश का पूर्वानुमान है, इसके बाद अगले कुछ दिन मध्यम से भारी बारिश हो सकती है। पश्चिमी राजस्थान में 12 सितंबर को भारी वर्षा हो सकती है तथा पूर्वी राजस्थान में 12 और 13 सितंबर को भारी से बहुत भारी बारिश के आसार हैं।
विभाग के अनुसार 64.5 मिलीमीटर से 115.5 मिलीमीटर (मिमी) के बीच वर्षा को ‘भारी बारिश’ माना जाता है जबकि 115.6 मिमी से 204.4 मिमी के बीच बारिश को ‘बहुत भारी’ तथा 204.5 मिमी से अधिक वर्षा को ‘अत्यंत भारी’ बारिश माना जाता है।
अगले 24 घंटे में उत्तरी मध्य प्रदेश, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली के कुछ हिस्सों में 55 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने का अनुमान है। मौसम विभाग ने कई क्षेत्रों, खासकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पूर्वी और पश्चिमी मध्यप्रदेश के कुछ हिस्सों में अचानक बाढ़ आने को लेकर मध्यम से भारी खतरे की चेतावनी दी है।
आईएमडी ने कहा कि वर्षा के कारण निचले और पूरी तरह से जलमग्न क्षेत्रों में बाढ़ आ सकती है। इसमें कहा गया है कि भारी वर्षा के कारण स्थानीय स्तर पर सड़कें जलमग्न हो सकती हैं, निचले इलाकों में जलभराव हो सकता है और विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों में अंडरपास बंद हो सकते हैं।
आईएमडी ने कहा कि सड़कों पर पानी भर जाने के कारण यातायात बाधित होने की संभावना है और कुछ इलाकों में दृश्यता कम हो सकती है। कच्ची सड़कों और कमजोर संरचनाओं को मामूली नुकसान होने की संभावना है, साथ ही बारिश और हवा के कारण भूस्खलन और फसलों को नुकसान होने की भी आशंका है।