नयी दिल्ली : पशुधन उद्योग को और बेहतर बनाने को सीएलएफएमए ऑफ इंडिया (क्लेफमा) अपने 65वें राष्ट्रीय सम्मेलन व 57वें वार्षिक आम बैठक (एजीएम) का आयोजन करने जा रहा है, जिसमें पशुधन उद्योग से जुड़े मुद्दों पर मंथन किया जाएगा। इस संबंध में जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि 20-21 सितंबर को नोवोटेल गोवा रिसोर्ट में होने वाले इस राष्ट्रीय सम्मेलन में पैनल के सदस्य अपने-अपने विचार रखेंगे। बताया गया कि इस राष्ट्रीय सम्मेलन में दुनिया भर से करीब 400 एक्सपर्ट्स हिस्सा लेंगे, जो इस क्षेत्र को और अधिक उन्नत बनाने के विकल्पों पर चर्चा करेंगे। कार्यक्रम में केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन, डेयरी और पंचायती राज मंत्री राजीव रंजन सिंह मुख्य अतिथि होंगे।
गोवा में होने वाले इस दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन को लेकर सीएलएफएमए ऑफ इंडिया के चेयरमैन सुरेश देवड़ा ने कहा कि इस वर्ष सम्मेलन में इस बार विषय होगा ‘टिकाऊ पशुधन क्षेत्र: खतरे, चुनौतियां और अवसर।’ उन्होंने बताया कि इस उद्योग का सालाना टर्नओवर 12 लाख करोड़ है। यह साल-दर-साल कृषि से अधिक बढ़ रहा है। साथ ही उन्होंने कहा कि आज एक बड़ी चुनौती कच्चे माल की घटती आपूर्ति के साथ पशु आहार की उपलब्धता है। इसलिए, प्राथमिक ध्यान चारा उत्पादन के लिए वैकल्पिक कच्चे माल की खोज पर है। देवड़ा ने बताया कि सीएलएफएमए एक पशुधन संघ और शीर्ष संगठन है, जो देश में पशुपालन पर आधारित कृषि का प्रतिनिधित्व करता है और 1967 में शुरू हुए पशुधन उद्योग की ‘वन वॉयस’ यानी ‘एक आवाज’ योजना को बढ़ावा देता है। कहा गया कि एसोसिएशन के 233 सदस्य हैं, जिनके माध्यम से फीड मैन्यूफैक्चरिंग और एनीमल प्रोटीन वैल्यू चेन को मजबूत आधार मिलता है, जिनमें एक्वा, डेयरी, पोल्ट्री, एनिमल न्यूट्रिशन और स्वास्थ्य, पशु चिकित्सा सेवाएं, मशीनरी व उपकरण से संबंधित अन्य व्यवसाय, एनिमल प्रोटीन की प्रोसेसिंग, डिस्ट्रीब्यूशन और खुदरा बिक्री शामिल है।