दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 12 सितंबर
हरियाणा के पूर्व सीएम और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा पर कांग्रेस नेतृत्व ने पूरा भरोसा जताया है। लोकसभा चुनाव की तर्ज पर इस बार विधानसभा के लिए टिकट आवंटन में हुड्डा को ‘फ्री-हैंड’ दिया गया। 90 सीटों के लिए घोषित किए गए उम्मीदवारों के चयन में हुड्डा सभी पर भारी पड़े। 80 प्रतिशत से अधिक सीटों पर उनकी पसंद से उम्मीदवार तय हुए हैं। हुड्डा समर्थकों का दावा है कि 90 में से 78 हलकों के प्रत्याशी पूर्व सीएम की पसंद से उतारे गए हैं।
लोकसभा चुनाव में भी उनकी पसंद से ही अधिकांश उम्मीदवार उतारे गए थे। टिकट आवंटन ने एक बार फिर साफ कर दिया कि कांग्रेस हाईकमान में हुड्डा की मजबूत पैठ है। पार्टी नेतृत्व का उन पर पूरा विश्वास है, इसीलिए उनकी पसंद-नापसंद का टिकट आवंटन में विशेष ख्याल रखा गया। एंटी हुड्डा खेमे के नेताओं- कुमारी सैलजा व रणदीप सुरजेवाला अपने कम ही समर्थकों को टिकट दिलवा सके।
इनमें भी सैलजा की पसंद से चार मौजूदा विधायकों सहित नौ नेताओं को टिकट मिला। विधायकों के टिकट की राह इसलिए आसान हो गई, क्योंकि पार्टी नेतृत्व ने ‘सिटिंग-गैटिंग’ का फार्मूला लागू कर दिया। सुरजेवाला अपने बेटे के अलावा एक अन्य नेता को टिकट दिलवा सके। पार्टी के मौजूदा 28 विधायकों में से 24 हुड्डा के समर्थक हैं। सैलजा समर्थक चार विधायकों- नारायणगढ़ से शैली चौधरी, साढ़ौरा से रेणु बाला, कालका से प्रदीप चौधरी व असंध से शमशेर सिंह गोगी को टिकट मिला है। कांग्रेस के टिकट आवंटन में संभावित क्लेश से अधिक झगड़ा देखने को मिला। आपसी गुटबाजी और खींचतान के चलते नामांकन-पत्र दाखिल करने के आखिरी दिन से कुछ घंटे पहले तक भी टिकटों की घोषणा होती रही। हालांकि, तमाम विरोध, खींचतान और गुटबाजी के बाद भी हुड्डा अपने अधिकांश समर्थकों को टिकट दिलवाने में कामयाब रहे। लोकसभा चुनाव के दौरान भी टिकटों को लेकर इसी तरह का झगड़ा प्रदेश कांग्रेस के नेताओं के बीच हुआ था।
लोकसभा का चुनाव कांग्रेस ने आप के साथ गठबंधन में लड़ा था। कुरुक्षेत्र से गठबंधन के तहत आम आदमी पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष डॉ़ सुशील गुप्ता ने चुनाव लड़ा था।
बाकी की नौ सीटों में से सिरसा से कुमारी सैलजा ने चुनाव लड़ा। बाकी आठ सीटों के उम्मीदवार हुड्डा की पसंद के थे। इस चुनाव में पार्टी पांच सीटों पर चुनाव जीतने में कामयाब रही। सिरसा से सैलजा, रोहतक से दीपेंद्र सिंह हुड्डा, हिसार से जयप्रकाश ‘जेपी’, अम्बाला से वरुण चौधरी और सोनीपत से सतपाल ब्रह्मचारी ने जीत हासिल की।
प्रदेश में पांच सांसद जीतने के बाद हुड्डा की पकड़ पार्टी हाईकमान में और मजबूत हो गई। माना जा रहा है कि इसी वजह से कांग्रेस नेतृत्व ने विधानसभा चुनाव के लिए भी हुड्डा को फ्री-हैंड दिया और उनकी पसंद से ही उम्मीदवारों का फैसला किया गया। यह बात पार्टी के हरियाणा मामलों के प्रभारी दीपक बाबरिया पहले कई बार कह चुके थे कि इस बार टिकट आवंटन में कोटा सिस्टम नहीं चलेगा। जैसे-जैसे प्रत्याशियों की सूची जारी हुई, उनकी यह बात सच साबित होती गई। हालांकि, टिकट आवंटन में दो या इससे अधिक चुनाव हारने और जमानत जब्त वाले नेताओं को टिकट नहीं देने के अपने फार्मूले को भी पार्टी ने तोड़ा।
ये सैलजा समर्थक मैदान में
सैलजा के समर्थक चारों विधायकों- शैली चौधरी, शमशेर सिंह गोगी, प्रदीप चौधरी व रेणु बाला को कांग्रेस ने सिटिंग-गैटिंग के फार्मूला लागू होने के चलते टिकट दिया है। पंचकूला में पूर्व डिप्टी सीएम चंद्रमोहन बिश्नोई, जगाधरी में पूर्व डिप्टी स्पीकर अकरम खान, अम्बाला कैंट में परमिंदर पाल सिंह, हिसार में रामनिवास राड़ा व फतेहाबाद में पूर्व विधायक बलवान सिंह दौलतपुरिया को सैलजा की पसंद से टिकट दिया गया है।
अम्बाला में सैलजा का दिखा प्रभाव
अम्बाला संसदीय क्षेत्र में सैलजा की अधिक चली। यहां नौ हलकों में से छह के उम्मीदवारों की गिनती सैलजा समर्थकों में होती है। इनमें कालका से प्रदीप चौधरी, नारायणगढ़ से शैली चौधरी, सढ़ौरा से रेणु बाला, पंचकूला से चंद्रमोहन, जगाधरी से अकरम खान व अम्बाला कैंट से परमिंदर पाल सिंह शामिल हैं। यमुनानगर से रमन प्रकाश त्यागी, अम्बाला सिटी से पूर्व मंत्री चौ. निर्मल सिंह और मुलाना से सांसद वरुण चौधरी की पत्नी पूजा चौधरी को हुड्डा की सिफारिश पर टिकट मिला।
नारनौंद व उकलाना में झटका : हिसार संसदीय क्षेत्र के नारनौंद व उकलाना हलकों भी हुड्डा ने सैलजा को तगड़ा झटका दिया है। उकलाना सैलजा का पैतृक हलका है। वे खुद भी यहां से चुनाव लड़ना चाहती थीं। साथ ही, अपने भतीजे के लिए टिकट की कोशिश कर रही थीं। वहीं, नारनौंद में सैलजा अपने नजदीकियों में शामिल डॉ. अजय चौधरी की टिकट दिलाने अड़ी थीं। ये दोनों सीटें आखिर तक लटकी रहीं, लेकिन आखिर में हुड्डा की पसंद से ही दोनों सीटों पर उम्मीदवार घोषित हुए। नारनौंद से हुड्डा युवा नेता जसबीर सिंह ‘जस्सी पेटवाल’ और उकलाना से पूर्व विधायक नरेश सेलवाल को टिकट मिला है।
दीपेंद्र का युवा कार्ड, 30 को टिकट
रोहतक के सांसद दीपेंद्र हुड्डा के कहने पर इस बार पार्टी नेतृत्व ने पूरा भरोसा किया है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी भी युवाओं को राजनीति में आगे लाने पर जोर देते हैं। दीपेंद्र इस बार पार्टी के 30 युवा चेहरों को टिकट दिलवाने में कामयाब रहे। यूथ कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सचिन कुंडू को पानीपत ग्रामीण, पार्टी के राष्ट्रीय सचिव प्रदीप नरवाल को बवानीखेड़ा, युवा नेता वर्द्धन यादव को बादशाहपुर, मनीषा सांगवान को चरखी दादरी से दीपेंद्र की पसंद से टिकट मिला। प्रदेश में और भी कई ऐसे यूथ चेहरे हैं, जो ‘टीम दीपेंद्र’ का हिस्सा हैं। उनकी भी चुनावी राजनीति में एंट्री करवाने में दीपेंद्र कामयाब रहे हैं। लोकसभा चुनाव में दीपेंद्र के कहने पर ही यूथ कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष दिव्यांशु बुद्धिराजा को करनाल से लोकसभा चुनाव लड़वाया गया था।
चार सीटों पर नेतृत्व की पसंद
दिल्ली से जुड़े सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस नेतृत्व की पसंद से इस बार चार हलकों में टिकट का फैसला हुआ है। बल्लबगढ़ से पार्टी ने पूर्व मुख्य संसदीय सचिव शारदा राठौर का टिकट काटकर पराग शर्मा को दिया। बताते हैं कि इसमें सबसे बड़ी भूमिका पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की रही। तिगांव हलके से पूर्व विधायक ललित नागर का टिकट काटकर नयी दिल्ली में सक्रिय युवा नेता रोहित डागर को दिया गया। घरौंडा से वीरेंद्र सिंह राठौर कांग्रेस नेतृत्व के ‘आशीर्वाद’ से तीसरी बार टिकट लेने में कामयाब रहे। राठौर को टिकट दिलवाने में दीपेंद्र का भी अहम रोल रहा।
सिरसा संसदीय क्षेत्र में भी पड़े भारी
सैलजा सिरसा से सांसद हैं। इससे पहले वे दो बार अम्बाला से सांसद रही हैं। लेकिन सिरसा संसदीय क्षेत्र में भी हुड्डा का पलड़ा भारी रहा। ऐलनाबाद से पूर्व विधायक भरत सिंह बेनीवाल, रानियां में पत्रकार रहे सर्वमित्र काम्बोज, रतिया में जरनैल सिंह, टोहाना में परमवीर सिंह व सिरसा शहर में गोकुल सेतिया को हुड्डा के कहने पर टिकट मिला। डबवाली के मौजूदा विधायक अमित सिहाग और कालांवाली विधायक शीशपाल केहरवाला पूर्व मुख्यमंत्री के नजदीकी हैं।