जिनेवा, 12 सितंबर (एजेंसी)
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पूर्वी लद्दाख में सीमा मुद्दे पर बृहस्पतिवार को कहा कि सैनिकों की वापसी से जुड़ी समस्याएं लगभग 75 प्रतिशत तक सुलझ गई हैं, लेकिन बड़ा मुद्दा सीमा पर बढ़ते सैन्यीकरण का है। उन्होंने कहा कि बातचीत में हमने कुछ प्रगति की है। थिंकटैंक ‘जिनेवा सेंटर फॉर सिक्योरिटी पॉलिसी’ के साथ संवाद में जयशंकर ने कहा कि जून 2020 में गल्वान घाटी में हुए संघर्षों ने भारत-चीन संबंधों को प्रभावित किया।
विदेश मंत्री ने कहा कि समस्या का समाधान ढूंढ़ने के लिए दोनों पक्षों के बीच बातचीत जारी है। उन्होंने कहा कि हमें अब भी कुछ चीजें करनी हैं।’ उन्होंने कहा कि बड़ा मुद्दा यह है कि दोनों देशों ने अपनी सेनाओं को एक-दूसरे के करीब ला दिया है। इस लिहाज से सीमा का सैन्यीकरण हो रहा है। विदेश मंत्री ने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि सैनिकों की वापसी के मुद्दे का कोई हल निकले और अमन चैन लौटे तो हम अन्य संभावनाओं पर विचार कर सकते हैं।’
जयशंकर ने गल्वान घाटी के संघर्षों का जिक्र करते हुए कहा, ‘हम करीब चार साल से वार्ता कर रहे हैं और इसका पहला कदम है सैनिकों की वापसी। जहां आवश्यक हो, वहां हमारे पास गश्त को लेकर व्यवस्था हो, क्योंकि हम दोनों उस सीमा पर नियमित रूप से गश्त करते हैं।’
सीधी फ्लाइट पर केंद्रीय मंत्री का पोस्ट, फिर हटाया
नयी दिल्ली : केंद्रीय नागर विमानन मंत्री के राममोहन नायडू ने ‘एक्स’ पर चीन के लिए सीधी फ्लाइट का पोस्ट डाला, लेकिन कुछ घंटों बाद ही उन्होंने इसे हटा लिया। नायडू ने ‘एक्स’ पर कहा कि उन्होंने एक चीनी प्रतिनिधिमंडल के साथ शिष्टाचार बैठक की। दोनों देशों के बीच नागर विमानन सहयोग को और मजबूत करने, विशेष रूप से दोनों देशों के बीच उड़ानों को शीघ्र बहाल करने पर ध्यान केंद्रित किया गया।