असीम चक्रवर्ती
अभिनेता आमिर खान को अपनी किसी भी क्रिएशन के बारे में समय से पहले कुछ भी सार्वजनिक करना बिल्कुल पसंद नहीं। बात उन दिनों की है,जब ‘तारे जमीं पर’ के प्री प्रोडक्शन का काम चल रहा था, इस लेखक ने जब आमिर से इस फिल्म के बारे में विस्तार से जानना चाहा,तो उनका जवाब था-जब तक मेरा यह काम पूरा नहीं हो जाता,इसके बारे में कोई ढिंढोरा मैं नहीं पीटूंगा। फिल्म पूरी हो जाए, तो इसके बारे में खुलकर बताने में मजा भी आएगा। तब से अब तक आमिर की वह पुरानी आदत कायम है। अब ‘लाल सिंह चड्ढा’ की शिकस्त के बाद वे फिर से धमाकेदार ढंग से आने की तैयारी कर रहे हैं।
‘लाहौर-1947’ की खामोशी
निश्चित तौर पर ‘लाल सिंह चड्ढा’ के बाद आमिर की खामोशी अब जाकर टूटी है। उनकी दो फिल्में ‘लाहौर-1947’ और ‘सितारे जमीन पर’ लाइम लाइट में आने लगी हैं। दोनों ही आमिर खान प्रोडक्शन के तहत बन रही हैं व लगभग पूरी हो चुकी हैं। आमिर और जेनेलिया देशमुख की मुख्य भूमिका से सजी ‘सितारे जमीन पर’ आमिर की ही सुपर हिट फिल्म ‘तारे जमीं पर’ की याद दिलाती है। पर यह साम्यता सिर्फ नाम तक है। आरएस प्रसन्ना की यह खेल पर केंद्रित एक स्पेनिश कहानी पर बेस्ड है। मगर उनकी दूसरी फिल्म ‘लाहौर-1947’ की खामोशी सबको चौंका रही है। सर्वविदित है, ‘गदर-2’ की शानदार सफलता के बाद आमिर ने सिर्फ इतना कहा था कि वह अपनी अगली फिल्म सनी देओल के साथ बनाना चाहते हैं। आमिर और सनी मित्र हैं। दूसरी ओर आमिर निर्देशक राजकुमार संतोषी के साथ काफी दिनों से एक स्क्रिप्ट पर काम कर रहे हैं। यह खामोशी धीरे-धीरे टूटी है। फिल्म के टाइटल से सब समझ गए कि यह देश विभाजन को केंद्र में रख बनाई जाएगी। खुद संतोषी ने इस फिल्म के बारे में एक-दो बार हल्का सा जिक्र किया था। मगर प्रोड्यूसर आमिर खान के घोषणा करते ही इस फिल्म ने रफ्तार पकड़ी व निर्माण के अंतिम चरण में है,लेकिन अभी आमिर की इस नई क्रिएशन की जानकारी सिने रसिकों के सामने नहीं आई। अभी सिर्फ सनी, प्रीति जिंटा और संजय दत्त की मौजूदगी की बात सामने आई।
बिल्कुल जुदा चेहरा
अपने चाचा प्रसिद्ध फिल्मकार नासिर हुसैन के सान्निध्य में रहने की वजह से फिल्म प्रोडक्शन हमेशा आमिर का प्लस प्वाइंट रहा है। फिल्म प्रोडक्शन के प्रति उनका समर्पण भाव ‘लगान’ में खुलकर सामने आया। इसके बाद तारे जमीं पर, डेल्ही बेली, दंगल, सीक्रेट सुपरस्टार आदि फिल्में भी उनके फिल्म प्रोडक्शन की मिसाल हैं।
सबसे अच्छी बात
अन्य सुपर स्टार के उलट आमिर अपनी पराजय को कबूल कर लेते हैं। वह चाहे ‘ठग ऑफ हिंदुस्तान’ हो या फिर ‘लालसिंह चड्ढा’ जैसी पराजय-आमिर कभी फ्लाप का बचाव करते दिखाई नहीं पड़े। अपनी पिछली फिल्म लाल सिंह चड्ढा की विफलता का उन्होंने शिद्दत से आकलन किया। अब वह मूड में हैं जिसका नतीजा है ‘लाहौर-1947’।
सनी ही च्वॉइस
‘अंदाज अपना-अपना’ के दिनों से ही संजीदा फिल्मकार राजकुमार संतोषी के साथ उनकी विशेष ट्यूनिंग रही है। उधर संतोषी के प्रिय एक्टर सनी देओल रहे हैं। बेशक ‘भगत सिंह’ के निर्माण के बाद से उनमें दूरियां आई लेकिन सनी और आमिर में गहरी दोस्ती है। सनी देओल की स्वीकृति पाने में शायद ही दिक्कत हुई हो। इसलिए लाहौर-47 जैसा बडा प्रोजेक्ट बनाने में उन्हें कोई बड़ी परेशानी नहीं हुई। यह आमिर के प्रोडक्शन की 17वीं फिल्म है। संतोषी फिल्म निर्माण में सुस्ती के लिए मशहूर हैं ,मगर उनकी वह सुस्ती यहां नहीं चलेगी। क्योंकि आमिर ने लाहौर-47 की रिलीज डेट 15 अगस्त, 2025 घोषित कर दी।