सुरेंद्र मेहता/हप्र
यमुनानगर,13 सितंबर
प्रदेश को पहला मुख्यमंत्री देने वाले यमुनानगर विधानसभा क्षेत्र से इस बार के चुनाव में तिकोना मुकाबला होगा। यहां कांग्रेस ने रमन त्यागी को चुनाव मैदान में उतारा है। वहीं इंडियन नेशनल लोकदल और बहुजन समाज पार्टी के साझे उम्मीदवार के तौर पर पूर्व विधायक दिलबाग सिंह चुनाव मैदान में है। जबकि भाजपा ने घनश्याम दास अरोड़ा को तीसरी बार चुनाव मैदान में उतारा है। आम आदमी पार्टी ने ललित त्यागी को चुनाव मैदान में उतारा है।
यमुनानगर से कौन विधायक बनेगा यह तो भविष्य के गर्भ में है लेकिन तीनों ही प्रत्याशी अपनी-अपनी विजय के लिए अभी से की जान से जुट चुके हैं।
भाजपा के घनश्याम दास अरोड़ा जहां हैट्रिक के लिए प्रयास कर रहे हैं, वहीं दिलबाग सिंह जो पिछले चुनाव में मात्र 1400 मतों के अंतर से चुनाव हार गए थे, वे अपनी हार का बदला लेना चाहते हैं।
गौरतलब है कि यमुनानगर विधानसभा सीट पर छह बार कांग्रेस की जीत हुई है। जबकि 4 बार भाजपा, एक बार आईएनएलडी, जनता पार्टी और जनसंघ ने यह सीट जीती। इस विधानसभा सीट से दो बार कांग्रेस और दो बार भाजपा के विधायक लगातार चुने गए। पहली बार वर्ष- 2000 और 2005 में कांग्रेस ने लगातार दो बार जीत दर्ज की, दूसरी बार भाजपा ने 2014 और 2019 में लगातार जीत दर्ज की। यहां ज्यादातर समय कांग्रेस के राजेश कुमार शर्मा और भाजपा की डॉ़ कमला वर्मा के बीच मुकाबला होता रहा। 1982 और 1991 में राजेश कुमार शर्मा विजय हुए, मंत्रिमंडल में मंत्री बने। वहीं भाजपा की डॉ़ कमला वर्मा 1977, 1987 और 1996 में विधायक और मंत्री बनी। भाजपा के घनश्याम दास अरोड़ा लगातार दो बार यहां से विधायक बन चुके हैं। क्या वह हैट्रिक लगाए पाएंगे । यह चुनाव परिणाम आने के बाद पता चलेगा।
कांग्रेस के डॉक्टर जयप्रकाश शर्मा 2000 में यहां से चुनाव लड़कर विजय हुए थे और उनकी पत्नी डॉक्टर कृष्णा पंडित 2005 में यहीं से चुनाव लड़कर विधायक और संसदीय सचिव रही।
पानी निकासी, बाजार में पार्किंग की समस्या
यमुनानगर विधानसभा क्षेत्र ऐसा इलाका है जहां सभी धर्म एवं वर्गों के लोग रहते हैं। यमुना के किनारे बसे इस शहर का कुछ हिस्सा यमुना के उसे पार निवास करता है। हरियाणा एवं केंद्र सरकार को करोड़ों रूपए राजस्व के रूप में देने वाले इस जिले में हालांकि पिछले 10 वर्षों में काफी कार्य हुए हैं, लेकिन अभी भी बहुत से ऐसे कार्य हैं जो रह गये और उनके अभाव में लोग परेशान रहते हैं। यमुनानगर में पानी निकासी बहुत बड़ा मुद्दा है। वहीं शहर में मुख्य बाजार में पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं है। बार-बार लगने वाले जाम से लोग परेशान रहते हैं। अस्पताल को 275 बेड का बना दिया गया मगर यहां आधे से ज्यादा डॉक्टर के पद एवं अन्य स्टाफ के पद खाली रहते हैं । लोग प्रॉपर्टी आईडी को लेकर परेशान है । हर तीसरा व्यक्ति प्रॉपर्टी आईडी की समस्या से दिक्कत में है। अभी भी कई इलाके ऐसे हैं जो वर्षों से आबाद हैं, लेकिन उन्हें अनअप्रूव्ड की श्रेणी में रखा गया है।