हिसार, 13 सितंबर (हप्र)
हिसार विधानसभा सीट पर अपनों से घिर चुके भाजपा प्रत्याशी डॉ. कमल गुप्ता का चुनाव जहां फंस गया है वहीं उकलाना में हर दिन विरोध का सामना कर रहे भाजपा प्रत्याशी अनूप के बाद अब बरवाला से भाजपा प्रत्याशी रणबीर गंगवा की भी मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं। रणबीर गंगवा का बरवाला हलके में यह पहला चुनाव है और यहां के पूर्व विधायक सहित भाजपा के काफी नेताओं ने गंगवा के चुनाव प्रचार से दूरी बना ली है। वहीं भाजपा नेता दर्शन गिरी तो रणबीर गंगवा के खिलाफ निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव ही लड़ रहे हैं।
रणबीर गंगवा ने अपने अधिकतर चुनाव नलवा हलके से ही लड़े हैं। इस बार कांग्रेस से भाजपा में आए कुलदीप बिश्नोई ने नलवा हलके की टिकट अपने दोस्त रणधीर पनिहार को दिला दी जिसके कारण पार्टी ने रणबीर गंगवा को बरवाला से प्रत्याशी बना दिया। इस घोषणा के बाद बरवाला के काफी भाजपा कार्यकर्ताओं ने पार्टी अध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली को एक पत्र लिखकर विरोध भी जताया था। रणबीर गंगवा को यहां की स्थानीय टीम को मनाने का पूरा समय भी नहीं मिला जिसके कारण वे अपनी नलवा हलके की पुरानी टीम के साथ ही चुनाव प्रचार में लगे हुए हैं।
बरवाला से पूर्व विधायक वेद नारंग के अलावा कैप्टन भूपेंद्र समेत कई पार्टी पदाधिकारी अभी तक गंगवा के चुनाव प्रचार में शामिल नहीं हुए हैं। बरवाला के पार्टी नेताओं का तर्क है कि यहां कांग्रेस ने भी प्रजापति समाज का प्रत्याशी मैदान में उतारा है जिससे मुकाबला कांटे का बन गया है। इसके अलावा यह भी प्रचार किया जा रहा है कि बरवाला से यदि रणबीर गंगवा जीतकर विधायक बन जाते हैं तो यहां के लोगों को अपने काम के लिए नलवा हलके में जाना पड़ेगा।
बरवाला में भाजपा पर प्रजापति समाज की उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए पार्टी के ही जिला पार्षद महंत दर्शनगिरी पहले ही निर्दलीय मैदान में कूद चुके हैं। रणबीर गंगवा का टिकट अनाउंस होते ही दर्शनगिरी ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था। वह रणबीर गंगवा के सामने निर्दलीय नामांकन भर चुके हैं। यही नहीं, महंत दर्शन गिरी प्रजापति समाज की उपेक्षा करने और धमकी देने का आरोप भी गंगवा पर लगा चुके हैं। इसको लेकर वह बाकायदा पुलिस थाने में शिकायत दे चुके हैं।