जींद, 15 सितंबर (हप्र)
किसान संगठन किसी राजनीतिक दल का चुनावों में समर्थन नहीं करेंगे, लेकिन सरकार के किसान विरोधी फैसलों से लोगों को अवगत करवाएंगे और सरकार की नाकामियों को जनता तक जरूर पहुंचाएंगे। किसान आंदोलन को मजबूत बनाना ही किसान संगठनों का मुख्य मकसद है।
यह बात रविवार को जींद-नरवाना नेशनल हाईवे पर उचाना की अतिरिक्त मंडी में हुई किसान महापंचायत में किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कही। महापंचायत शुरू होने से पहले अतिरिक्त मंडी के आसपास भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। जब तक पंचायत चली, तब तक प्रशासन की पैनी नजर किसान पंचायत पर रही। इसमें हरियाणा के साथ-साथ पंजाब सहित अन्य राज्यों से भी किसान पहुंचे। महापंचायत का आयोजन भारतीय किसान नौजवान यूनियन द्वारा किया गया। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल, श्रवण सिंह पंडेर, अभिमन्यु कोहाड़ इसमें खास तौर पर पहुंचे।
महांपचायत में हुए फैसले की जानकारी देते हुए डल्लेवाल ने बताया कि यूपी में भी 1 सितंबर को किसान महांपचायत हुई थी। दक्षिण भारत में भी 27, 28 अगस्त को इस तरह की महापंचायत हो चुकी हैं। 22 सितंबर को पिपली (कुरुक्षेत्र) में भी किसान महापंचायत होगी। जिन मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे है, वो मांग केवल पंजाब, हरियाणा की नहीं हैं, बल्कि पूरे देश के किसानों की हैं। इस आंदोलन के साथ पूरे देश को जोड़ने के लिए देश के कोने-कोने में जाकर किसान महापंचायत की जा रही हैं। पूरे देश को इस आंदोलन के साथ जोड़ा जाएगा।
डल्लेवाल ने कहा कि किसान महापंचायत में आने से जिस तरह के किसानों को सरकार द्वारा रोका गया, वो बहुत शर्मनाक, अलोकतांत्रिक और निंदनीय है। एक तरफ पीएम मोदी और भाजपा के प्रवक्ता कहते हैं कि यह सरकार ही किसानों की है और किसानों के हित में काम कर रही है और दूसरी तरफ किसानों को पंचायत तक करने से रोक रही है। सरकार ने आज तक किसानों के लिए कुछ नहीं किया है। किसानों के खिलाफ फैसले जरूर लिए हैं। उन्होंने कहा कि किसान संगठनों का चुनाव से कुछ लेना-देना नहीं है। किसान संगठन चुनाव में न तो किसी की मदद करेंगे और न ही विरोध। सभी किसान पंचायतों का एक ही एजेंडा किसान आंदोलन को मजबूत करने का है। लोगों को सरकार की नाकामियों और किसानों के खिलाफ लिए गए फैसलों के बारे में अवगत जरूर करवाया जाएगा।