नयी दिल्ली, 16 सितंबर (भाषा)
SC’s comment on CBI: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा है कि निर्वाचन आयोग तथा जांच एजेंसियों सहित संस्थाएं कठिन परिस्थितियों में अपना कर्तव्य निभाती हैं और एक टिप्पणी उन्हें ‘हतोत्साहित’कर सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि किसी को भी देश के संस्थानों के बारे में ‘अत्यंत सचेत’रहना होगा जो मजबूत हैं और उचित नियंत्रण एवं संतुलन के साथ कानून के शासन के तहत स्वतंत्र रूप से काम कर रहे हैं।
मुंबई में एक कार्यक्रम में उनकी टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट के एक न्यायाधीश द्वारा शुक्रवार की गई इस टिप्पणी की पृष्ठभूमि में आई कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को पिंजरे में बंद तोता होने की धारणा को दूर करना चाहिए। यह उल्लेख करते हुए कि आबकारी नीति मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी अनुचित थी, शीर्ष अदालत के न्यायाधीश न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां ने एजेंसी की आलोचना की थी और कहा था कि उसे पिंजरे में बंद तोता होने की धारणा को दूर करना चाहिए।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए धनखड़ ने कहा कि राज्य के सभी अंगों का एक ही उद्देश्य है कि आम आदमी को सभी अधिकार मिलें और भारत फले-फूले तथा समृद्ध हो। उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘उन्हें लोकतांत्रिक मूल्यों और आगे के संवैधानिक आदर्शों को पोषित एवं पुष्पित करने के लिए मिलकर एकजुटता से काम करने की जरूरत है… इन पवित्र मंचों – विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका – को राजनीतिक भड़काऊ बहस का बिंदु न बनने दें क्योंकि यह चुनौतीपूर्ण एवं कठिन परिस्थितियों में भी देश की अच्छी सेवा करने वाले संस्थानों के लिए हानिकारक है।’
उन्होंने संस्थाओं का जिक्र करते हुए निर्वाचन आयोग और जांच एजेंसियों का जिक्र किया। उनका विचार था कि संस्थाएँ कठिन परिस्थितियों में अपना कर्तव्य निभाती हैं और टिप्पणियाँ उन्हें ‘हतोत्साहित’कर सकती हैं। धनखड़ ने कहा, ‘यह एक राजनीतिक बहस को जन्म दे सकता है और एक विमर्श को गढ़ सकता है। हमें अपने संस्थानों के बारे में बेहद सचेत रहना होगा। वे मजबूत हैं, वे कानून के शासन के तहत स्वतंत्र रूप से काम कर रहे हैं और वहां उचित नियंत्रण एवं संतुलन है।’
उप-राष्ट्रपति पद पर आसीन व्यक्ति किसी पार्टी का नहीं होता : कांग्रेस
कांग्रेस ने राहुल गांधी पर उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के हमले को लेकर सोमवार को उन पर निशाना साधा और कहा कि उप-राष्ट्रपति का पद दलगत राजनीति से इतर है और जो व्यक्ति इस पर आसीन होता है वह किसी पार्टी का नहीं होता।
धनखड़ ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के आरक्षण संबधी बयान को लेकर उन पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए रविवार को कहा कि संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति की ऐसी टिप्पणी ‘संविधान विरोधी मानसिकता’को दर्शाती है। धनखड़ ने मुंबई में एक सार्वजनिक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि भारत के संविधान के बारे में जागरूकता की अत्यधिक आवश्यकता है, क्योंकि कुछ लोग इसकी मूल भावना को भूल गए हैं।
सुप्रिया श्रीनेत ने कहा- उपराष्ट्रपति ने मोदी को आईना दिखाया
उपराष्ट्रपति की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, ‘मुझे लगता है कि आपने इसे गलत समझा है। जगदीप धनखड़ विदेश में देश को बदनाम करने के लिए एक नेता की आलोचना कर रहे हैं। उनका मतलब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से है। मुझे लगता है कि वह मोदी जी को आईना दिखा रहे हैं, जो चीन गए और कहा कि जो लोग 2014 से पहले पैदा हुए थे वे अपने भाग्य के बारे में विलाप करते थे।’
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी ने दक्षिण कोरिया, कनाडा, अमेरिका, ब्रिटेन में भी ऐसी ही टिप्पणियां की थीं। सुप्रिया ने कहा, ‘अगर मैं इस मंच से कुछ कहूंगी तो यह गरिमापूर्ण नहीं होगा, वह (धनखड़) चिंतित हो जाएंगे, मेरे नेताओं को बुलाएंगे और उन्हें मेरे ट्वीट और इंस्टाग्राम पोस्ट दिखाएंगे।’ उनका यह भी कहना था कि उप-राष्ट्रपति का पद दलगत नहीं होता है और जो व्यक्ति इस पर आसीन होता है, वह किसी पार्टी का नहीं होता।