हिसार, 16 सितंबर (हप्र)
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में दो दिवसीय कृषि मेला (रबी) का विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज ने शुभारंभ किया। इस वर्ष कृषि मेले का थीम ‘फसल अवशेष प्रबंधन रखा गया है। विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों एवं निजी क्षेत्र की कंपनियों द्वारा नई तकनीकों की जानकारी देने के लिए 262 स्टालें लगाई गई हैं। मेले में किसानों को रबी फसलों की उन्नत किस्मों का प्रमाणित बीज उपलब्ध करवाने के लिए समुचित प्रबंध किए गए हैं। मुख्यातिथि प्रो. काम्बोज ने कहा कि फसल विविधिकरण तथा जल संरक्षण पर ध्यान देने की जरूरत है। हरियाणा के गठन के समय खाद्यान्न उत्पादन 25.92 लाख टन था जो वर्ष 2021-22 में बढ़कर 230 लाख टन हो गया है।
उन्होंने कहा कि इन चुनौतियों से निपटने के लिए इस वर्ष के मेले का थीम ‘फसल अवशेष प्रबंधन इसीलिए रखा गया है ताकि किसानों को इसके प्रति जागरूक किया जा सके। फसल अवशेष प्रबंधन पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि फसल अवशेषों से विभिन्न प्रकार के उत्पाद बनाए जा सकते हैं। उन्होंने प्राकृतिक संसाधनों का दोहन जरूरत से ज्यादा ना करने की सलाह दी ताकि आने वाली पीढिय़ो को समस्या ना हो। मशीनों के उपयोग से खेती में मानव श्रम कम करके लागत घटाने पर भी ध्यान देने की जरूरत है। मेले में सोमवार को 22 हजार 500 से अधिक किसानों की उपस्थिति दर्ज की गई। उन्होंने नए उन्नत बीजों, कृषि विधियों, सिंचाई यंत्रों, कृषि मशीनरी आदि की जानकारी हासिल की।