गुहला चीका, 16 सितंबर ( निस)
उपमंडल कृषि अधिकारी डॉ. विनोद वर्मा ने कहा कि फसल अवशेषों को जलाने से जहां वातावरण प्रदूषित होता है, वहीं जमीन की उपजाऊ क्षमता भी कम होती है। किसान फसलों के अवशेष ना जलाकर उनका प्रबंधन करना सुनिश्चित करें। उन्होंने अधिकारियों से आह्वान किया कि वे इस मामले में किसानों को जागरूक करते हुए प्रबंधन बारे कृषि एवं किसान कल्याण विभाग चीका द्वारा दी जा रही सुविधाओं की जानकारी दें। उन्होंने कहा कि धान के अवशेषों को मशीनों की सहायता से मिट्टी में मिलाने पर किसानों को पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी प्रति एकड़ एक हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। उन्होंने बताया कि यह राशि नॉन बासमती व मूच्छल धान वैरायटी के अतिरिक्त बासमती धान के अवशेषों के प्रबंधन पर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि किसान हैप्पी सीडर, सुपर सीडर, रिवर्सेबल एमबी प्लॉव व जीरो टिल सीड ड्रील की सहायता से धान अवशेषों को मिट्टी में मिलाकर प्रोत्साहन राशि के लिए आवेदन कर सकते हैं। इससे फसल की उत्पादकता बढ़ती है। आवेदक किसान को पोर्टल पर पंजीकरण करवाना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि फसल अवशेषों में आग लगने वाले किसानों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। इस अवसर पर डॉ. कंचन कुमारी, डॉ. ईश्वर सिंह भी मौजूद रहे।