रामकुमार तुसीर/निस
सफीदों, 16 सितंबर
विधानसभा चुनाव में चुनाव आयोग ने निशक्त मतदाताओं को घर से मतदान करने की सुविधा दी है। हरियाणा में भले ही कुल 148508 निशक्त मतदाताओं में 93194 पुरुषों के मुकाबले महिलाएं 55308 हैं, लेकिन रोहतक विधानसभा क्षेत्र प्रदेश भर में ऐसा इकलौता हलका है, जिसमें निशक्त महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों से ज्यादा है। इस हलके में कुल 2065 निशक्त मतदाताओं में 997 पुरुषों के मुकाबले 1068 महिलाएं निशक्त हैं। रोहतक जिले में कुल 7022 निशक्त मतदाता हैं, जिनमें पुरुष 3528 व महिला 3494 हैं। केवल रोहतक हलका ही नहीं, रोहतक जिले के शेष तीन विधानसभा क्षेत्रों में भी स्थिति बहुत ज्यादा भिन्न नहीं है। उनमें महिला व पुरुष निशक्त मतदाताओं की संख्या में मामूली अंतर है, जबकि प्रदेश के अन्य विधानसभा क्षेत्र में पुरुषों के मुकाबले महिला निशक्त मतदाताओं की संख्या काफी कम है। कहीं-कहीं तो आधे से भी कम है। रोहतक के महम हलके में 781 पुरुषों के मुकाबले निशक्त महिला वोटर 750 हैं। किलोई-गढ़ी-सांपला में 900 पुरुषों के मुकाबले निशक्त महिला वोटर 846 है, कलानौर में 850 पुरुषों के मुकाबले 830 निशक्त महिला मतदाता हैं।
निशक्त मतदाताओं की संख्या को लेकर चुनाव आयोग के जिलावार आंकड़े देखें तो सबसे ज्यादा निशक्त हिसार जिले में 12833 हैं। इनमें 7840 पुरुष हैं, जबकि 4193 महिला निशक्त मतदाता हैं। इस जिले में सात हलके हैं। सिरसा जिले के ऐलनाबाद हलके में सबसे कम 183 निशक्त महिला मतदाता हैं। रेवाड़ी में 567 पुरुषों के मुकाबले 289 निशक्त महिला मतदाता हैं। पुरुष निशक्त मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा जिला गुड़गांव के सोहना हलके में 2033 है। इसी हलके में सबसे ज्यादा महिला निशक्त मतदाता 1498 हैं। जींद जिले में निशक्त मतदाताओं की संख्या काफी कम 5409 है। इस जिले में सबसे कम निशक्त 768 मतदाता जींद हलके में हैं। इनमें 294 महिला व 474 पुरुष शामिल हैं। जुलाना में कुल 1018, सफीदों में 1082, उचाना कलां में 1214 व नरवाना में 1327 निशक्त मतदाता हैं।