नयी दिल्ली, 17 सितंबर (एजेंसी)
सब्जियों, खाद्य पदार्थों और ईंधन के सस्ते होने से थोक मुद्रास्फीति अगस्त में चार महीने के निचले स्तर 1.31 प्रतिशत पर आ गई। हालांकि, प्याज और आलू की कीमतों में तेजी रही। मंगलवार को जारी सरकारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली। थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति में लगातार दूसरे महीने गिरावट आई, जबकि मई में यह 3.43 प्रतिशत के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई थी। सब्जियों की कीमतों में अगस्त में 10.01 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। आलू और प्याज की मुद्रास्फीति अगस्त में क्रमश: 77.96 प्रतिशत और 65.75 प्रतिशत के उच्च स्तर पर बनी रही। ईंधन और बिजली श्रेणी में मुद्रास्फीति जुलाई में 1.72 प्रतिशत के मुकाबले अगस्त में 0.67 प्रतिशत रही। गौर हो कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) मौद्रिक नीति तैयार करते समय मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति को ध्यान में रखता है।
आरबीआई ने अगस्त की मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर को लगातार नौवीं बार 6.5 प्रतिशत पर यथावत रखा था। वित्तीय सेवा कंपनी बार्कलेज ने बयान में कहा, ‘अगस्त में थोक मूल्य सूचकांक में नरमी का कारण खाद्य (सब्जी) कीमतों में क्रमिक गिरावट है। रेटिंग एजेंसी इक्रा का अनुमान है कि थोक मूल्य सूचकांक मुद्रास्फीति के अगस्त के 1.3 प्रतिशत से बढ़कर सितंबर 2024 में दो प्रतिशत हो जाएगी। एजेंसी ने फसल कटाई में देरी की भी आशंका जताई।