खानपान में लापरवाही व अल्कोहल वाले पेय के ज्यादा सेवन के चलते लिवर की सेहत बिगड़ सकती है। वहीं बिना डाक्टरी सलाह के अधिक दवाइयां लेना भी वजह है। लाइफस्टाइल बेहतर करके हम अपना लिवर हेल्दी रख सकते हैं।
रोजी गुलाटी
फैटी लिवर एक मेडिकल चिकित्सा स्थिति है, जिसमें लिवर में फैट या चर्बी जम जाती है। इसके प्रमुख कारण हैं, गलत खानपान, शराब का सेवन व अनावश्यक दवाइयां लेना वहीं कुछ वायरस इन्फेक्शन जैसे ‘हेपेटाइटिस सी आदि भी वजह हैं। परंतु आज के दौर में इसका प्रमुख कारण हमारा गलत लाइफ स्टाइल और इससे जुड़ी बीमारियां हैं। देश में हर 5 में से एक व्यक्ति फैटी लिवर से प्रभावित है।
फैटी लिवर रोग क्या है?
लिवर में चिकनाई का बनना, फैटी लिवर की बीमारी है। यह रोग पुरुषों, महिलाओं और सभी उम्र के बच्चों को प्रभावित कर सकता है। जो लोग चिकनाई के भरपूर आहार और शराब का सेवन ज्यादा करेंगे तो अनुमान लगाया जा सकता है कि अगले 10-20 वर्षों में ऐसे रोगियों के लिए फैटी लिवर जानलेवा बन सकता है।
बीमारी के चरण
पहली स्टेज में साधारण फैटी लिवर सूजन के साथ और नॉन-अल्कोहलिक स्टेटोहेपेटाइटिस के रूप में जाना जाता है। जब फैटी लिवर जिसमें सख्त हो जाये तो उस चरण में उसे लिवर सिरोसिस भी कहा जाता है।
ये हैं लक्षण
फैटी लिवर वाले ज्यादातर व्यक्तियों में कोई लक्षण नहीं महसूस होते। हालांकि कुछ को लिवर में बढ़ने के कारण पेट के दाहिनी ओर दर्द का अनुभव हो सकता है। अन्य लक्षण सामान्य थकान, मितली और भूख न लगना है। वहीं सिरोसिस हो तो आंखों में पीलापन, पेट में पानी भरना, खून की उलटी, मानसिक भ्रम और पीलिया भी हो सकता है।
रोग की जांच
रूटीन चेकअप व अल्ट्रासाउंड स्कैन लिवर में फैट दिखा सकती है। जब लिवर का रक्त परीक्षण सामान्य न हो तो रोग का पता चल जाता है।
ऐसे रोकें लीवर में बिगाड़ को
अपना वजन कम करें। प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट व्यायाम करें। कार्बोहाइड्रेट युक्त आहार जैसे सफेद चावल, आलू, सफेद ब्रेड, जंक फूड को ना कहें। ये हमारी आंतों को नुकसान पहुंचाते हैं। सेहत के लिए मोटा अनाज, फ्रूट्स और सलाद ही फायदेमंद हैं। वहीं जितना हो सके फल और सब्जियों का सेवन करें। फैटी लिवर में शराब, चीनी, नमक, रिफाइंड कार्ब्स, तले खाद्य पदार्थ आदि खाने से बचना चाहिए। रोजाना 3-4 लिटर पानी का सेवन करना चाहिए। पानी हमारे शरीर में विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है और सूजन को कम करने में मदद करता है।