दर्शन बोपाराए मूलतः पंजाबी में सृजनरत रहे हैं। पंजाबी में रचे उनके काव्य संग्रह– मुखौटिआं की भीड़ विच्च, मिट्टी दे चुल्ले तथा धुप्पां च तपे रंग इसकी बानगी दर्शाते हैं। संपादित पुस्तक कौण साहिब नू आखे भी है। समीक्ष्य कृति ‘एक सफर ये भी’ में 45 कविताएं शामिल हैं, जिनके बारे में रचनाकार का कहना है कि इनमें उनकी जीवन को मिली मेहरबानियां, जख्म, टूटे और सच हुए सपने तथा सामाजिक विसंगति की टीस से हासिल अनुभव शामिल हैं।
पुस्तक : एक सफर यह भी रचनाकार : दर्शन बोपाराए प्रकाशक : गोरकी प्रकाशन, लुधियाना पृष्ठ : 96 मूल्य : रु. 140.