डॉ. अनूप बंसल मधुकांत को यदि स्वैच्छिक रक्तदान का अग्रदूत कहा जाए तो कोई अतिश्ायोक्ति न होगी। हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा सूर पुरस्कार विजेता तथा करीब 190 पुस्तकों के रचनाकार डॉ. मधुकांत ने अपना पूरा जीवन शिक्षा, साहित्य के अलावा रक्तदान महायज्ञ में आहूति देने में लगाया है। समीक्ष्य कृति ‘तेरा खून, मेरा खून’ लघुकविता संग्रह में भी 103 कविताएं रक्तदान महायज्ञ पर केंद्रित हैं। यह ऋषिकर्म जैसा, दूसरों के जीवन को बचाने की अनूठी मुहिम है।
पुस्तक : तेरा खून, मेरा खून रचनाकार : डॉ. मधुकांत प्रकाशक : आनन्द कला मंच, भिवानी पृष्ठ : 120 मूल्य : रु. 300.