‘अभी तो मैं जवान हूं’ शीर्षक लघु कविता संग्रह में प्रो. शामलाल कौशल की 99 कविताएं संकलित हैं। सरल और सहज ढंग से अभिव्यक्त जीवन की सच्चाइयों को कौशल शब्द देते हैं। समाज में जीवन मूल्यों का पराभव व विश्वास के दरकने की टीस उनकी रचनाओं में नजर आती हैं। वे सृजन को परमात्मा की भक्ति की तरह मानते हैं। वे साफगोई से कहते हैं कि उन्होंने नामचीन कवियों को नहीं पढ़ा, लेकिन अपनी कविताओं में जीवन के अनुभव उकेरे हैं।
पुस्तक : अभी तो मैं जवान हूं रचनाकार : प्रो. शाम लाल कौशल प्रकाशक : आनन्द कला मंच प्रकाशन, भिवानी पृष्ठ : 120 मूल्य : रु. 300.