अरुण नैथानी
हरियाणवी जीवन के विभिन्न सरोकारों व जीवन मूल्यों पर निरंतर सृजनरत रहने वाले सत्यवीर नाहड़िया ने ‘सतगुरु नितानंद महाराज’ रचना के रूप में एक परिपक्व आध्यात्मिक कृति की रचना की है। महत्वपूर्ण बात यह है कि रचना उनकी मातृभाषा हरियाणवी में है और सातों सर्गों की रचनाएं गेय हैं। रागनियां गायन की दृष्टि से स्वतंत्र हैं। रचनाकार ने स्वामी जी के बहुआयामी व्यक्तित्व एवं कृतित्व को कलमबद्ध किया है। रचनाकार ने सूक्ष्म आध्यात्मिक संसार में प्रवेश किया है।
पुस्तक : सतगुरु नितानंद महाराज रचनाकार : सत्यवीर नाहड़िया प्रकाशक : समदर्शी प्रकाशन, गाजियाबाद, उ.प्र. पृष्ठ : 136 मूल्य : रु. 280.