नयी दिल्ली, 22 सितंबर (एजेंसी)
आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने एक नयी राजनीतिक रणनीति के तहत रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जवाब मांगा। दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद जंतर-मंतर पर अपनी पहली सार्वजनिक सभा ‘जनता की अदालत’ में केजरीवाल ने संघ प्रमुख मोहन भागवत से पांच सवाल पूछे।
प्रधानमंत्री पर आरोप लगाते हुए उन्होंने पूछा, ‘जिस तरह से मोदी जी देशभर में लालच देकर, ईडी और सीबीआई की धमकी देकर दूसरी पार्टी के नेताओं को तोड़ रहे हैं, क्या ये लोकतंत्र के लिए सही है या हानिकारक?’
संघ प्रमुख से अन्य सवाल में उन्होंने पूछा कि क्या राजनीतिक नेताओं को ‘भ्रष्ट’ कहने और फिर उन्हें अपने पाले में शामिल करने की भाजपा की राजनीति से वह सहमत हैं? केजरीवाल ने यह भी पूछा कि जब भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा ने कहा कि उनकी पार्टी को अपने वैचारिक मार्गदर्शक आरएसएस की जरूरत नहीं है, तो उन्हें कैसा लगा? उन्होंने कहा कि क्या बेटा अब इतना बड़ा हो गया है कि वह अपनी मां को आंख दिखा रहा है? केजरीवाल ने कहा, ‘आरएसएस और भाजपा ने नियम बनाया था कि हर नेता 75 साल की उम्र होने पर सेवानिवृत्त हो जाएगा। इस नियम के तहत लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कलराज मिश्र जैसे वरिष्ठ नेताओं को सेवानिवृत्त कर दिया गया। अब अमित शाह कहते हैं कि यह नियम मोदी जी पर लागू नहीं होता।’ उन्होंने भागवत से पूछा, क्या आप इस तथ्य से सहमत हैं कि जो नियम आडवाणी जी पर लागू होता है, वह मोदी जी पर लागू नहीं होगा?
आबकारी नीति मामले में तिहाड़ जेल से जमानत पर रिहा हुए केजरीवाल ने कहा कि वह देश की सेवा के लिए राजनीति में आए, न कि किसी सत्ता या पद के लालच में। पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उन्होंने अपने खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोपों से आहत होकर इस्तीफा दिया है।
केजरीवाल जब जंतर-मंतर पर सभा को संबोधित कर रहे थे, तब भाजपा महज एक किलोमीटर दूर कनॉट प्लेस में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही थी। भाजपा ने राजघाट पर प्रदर्शन किया।
आप बताएं, अन्ना हजारे को धोखा क्यों दिया : भाजपा
भाजपा ने आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल से पूछा कि उन्होंने भ्रष्टाचार रोधी अंदोलन के अगुआ अन्ना हजारे और कुमार विश्वास, किरण बेदी, शाजिया इल्मी जैसे अपने सहयोगियों को धोखा क्यों दिया? भाजपा ने उनसे यह भी पूछा कि उन्होंने लोकपाल के वादे को क्यों नहीं पूरा किया? दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने एक बयान में कहा, ‘केजरीवाल की रैली में कोई सार्वजनिक भागीदारी नहीं थी और यह उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं का जमावड़ा था जो ‘फ्लॉप’ रहा।’