शिमला, 23 सितंबर (हप्र)
सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल में मिड डे मील कर्मियों को 2 महीने की छुट्टियों का वेतन अदा करने के हिमाचल हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है। प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी थी कि हाईकोर्ट ने 2 माह की छुट्टियों का वेतन देने का आदेश देकर दरअसल मिड डे मील कर्मियों के साथ हुए करार को पुनः लिख दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने प्रथम दृष्टया सरकार की इस दलील से सहमति जताते हुए हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने के आदेश जारी किए।
हाईकोर्ट ने सरकारी स्कूलों में सेवाएं दे रहे मिड डे मील कार्यकर्ताओं को राहत देते हुए उन्हें 2 माह की छुट्टियों का वेतन देने के आदेश जारी किए थे। इन्हें सरकार केवल 10 महीनों का वेतन ही देती है।मिड डे मील कार्यकर्ताओं के संघ ने पूरे साल का वेतन मांगते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
हाईकोर्ट की एकल पीठ ने संघ की याचिका को स्वीकारते हुए सरकारी स्कूलों में हजारों की संख्या में तैनात किये गए ‘मिड डे मील वर्कर’ को दस माह के बजाये बारह महीने का वेतन दिए जाने के आदेश दिए थे।
इन आदेशों को सरकार ने हाईकोर्ट की ही खंडपीठ के समक्ष चुनौती दी थी जिसे खंडपीठ ने खारिज कर दिया था।
अब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी है। हाई कोर्ट ने अपने निर्णय में कहा था कि शिक्षा विभाग मिड डे मील वर्कर के साथ भेदभाव नहीं कर सकता। इसलिए यह सविंधान के अनुच्छेद 14 का सरासर उल्लंघन है।