यमुनानगर, 25 सितंबर (हप्र)
हरियाणा की मंडियों में धान की आवक शुरू हो चुकी है लेकिन अभी तक सरकार ने खरीद के प्रबंध नहीं किया। अब हरियाणा में 1 अक्तूबर से धान खरीद के आदेश दिए गए हैं। जिसको लेकर किसानों में भारी रोष है। इससे पहले के आदेश में 23 सितंबर से धान की खरीद की आदेश दिए गए थे जिसके बाद पूरे हरियाणा की अनाज मंडियों में किसान धान लेकर पहुंचे। अभी मौसम खराब है। मंडियों में धान खुले आसमान के नीचे पड़ा है। यह धान कभी भी बारिश आने से भीग सकता है जिससे न सिर्फ किसानों बल्कि के आढ़तियों और सरकार का भी नुकसान होगा और इससे सरकार और किसानों में टकराव की स्थितियां पैदा हो सकती हैं। अगले तीन दिनों तक मौसम विभाग ने बारिश की चेतावनी दी हुई है। इसी को लेकर किसान चिंतित हैं। हजारों क्विंटल धान मंडियों में आ चुका है वहीं खेतों में भी धान पक कर तैयार हो चुका है। यमुनानगर में किसानों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करके प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन भेजा है, जिसमें धान की खरीद तुरंत शुरू किए जाने की मांग की गई है। याद रहे केंद्र सरकार के निर्देश पर हरियाणा सरकार धान खरीद के लिए तिथियां घोषित करती है। इसी दौरान निदेशक माध्यमिक शिक्षा हरियाणा जितेन्द्र दहिया व डीसी कैप्टन मनोज कुमार ने बुधवार को जिले की अनाज मंडियों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया और अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे समय से आढ़तियों को बारदाना मुहैया कराएं। साथ ही मंडियों से धान की लिफ्टिंग में तेजी लाने के निर्देश दिए। निदेशक माध्यमिक शिक्षा हरियाणा जितेन्द्र दहिया व डीसी कैप्टन मनोज कुमार सबसे पहले जगाधरी अनाज मंडी पहुंचे। इसके बाद छछरौली, सरस्वती नगर, रादौर, सढौरा, बिलासपुर आदि मंडियों का दौरा किया। दौरे के दौरान डीसी कैप्टन मनोज कुमार ने आढ़तियों से बातचीत की और उनकी समस्याओं के बारे में भी जाना। बातचीत के दौरान आढ़तियों ने लगभग हर जगह बारदाने की समस्या के बारे में बताया। इस पर डीसी ने डीएफएससी को इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई करने को कहा। डीएफएससी जितेश गोयल ने डीसी को आश्वस्त किया कि बारदाने की कोई कमी नहीं रहने दी जाएगी। उन्होंनेेेे कहा कि हरियाणा सरकार 1 अक्तूबर से मंडी में धान खरीद शुरू करेगी। इसी को लेकर सभी तैयारियां पूरी पूरी कर ली गई है।
मंडी में भीग हजारों क्विंटल धान
बुधवार देर शाम आई बारिश के चलते यमुनानगर की अनाज मंडियों में पड़ा हजारों क्विंटल धान भीग गया जिससे आढ़तियों एवं किसानों का भारी नुकसान हुआ। अभी धान की खरीद शुरू नहीं हुई है। इसलिए किसानों ने धान अपने-अपने आढ़तियों के यहां रखवाया था। लेकिन अचानक आई वर्षा के चलते धान पूरी तरह भीग गया।