शिमलाध/मंडी, 26 सितंबर(हप्र/निस)
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा है कि मस्जिद विवाद में कांग्रेस का दोहरा चरित्र सामने आ रहा है। एक तरफ़ मंत्री बयान पर बयान दिए जा रहे हैं और दूसरी ओर दिल्ली से दबाव पड़ते ही इनकी टांगें लड़खड़ा रही हैं। कोई बाहरी मुस्लिम नेता यहां आकर माहौल खराब कर जाता है और जिनके इशारे पर कानून व्यवस्था चलती है वे मुख्यमंत्री चुप्पी साधे हुए हैं। पत्रकारों से बातचीत करते हुए जयराम ठाकुर ने कहा कि जिस अवैध मस्जिद को पुलिस-प्रशासन द्वारा सील किया गया है उसमें जबरन घुसकर और वहां का वीडियो बनाकर एआईएमआईएम नेता ने शिमला में कायम हो रही शांति को भंग करने की कोशिश की है। एआईएमआईएम नेता ने वीडियो बनाया है जिसमें वह मस्जिद के सामने वाले भवन को उसकी ऊंचाई के आधार पर गिराने की बात कह रहे हैं जबकि उन्हें यह मालूम नहीं कि वो भवन वैध तरीके से बना है, जबकि मस्जिद का निर्माण अवैध तरीके से हुआ है। इस प्रकार का वीडियो बनाकर उन्होंने हिंदू समाज के लोगों की भावनाओं को आहत करने का प्रयास किया है। जयराम ठाकुर ने कहा कि जानकारी मिली है उक्त नेता के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है लेकिन ऐसे कृत्य पर सिर्फ एफआईआर ही दर्ज नहीं होनी चाहिए बल्कि प्रदेश सरकार इस पर कड़ा संज्ञान लेते हुए सख्त कार्रवाई अमल में लाए क्योंकि उन्होंने शांतिपूर्ण माहौल को खराब करने का प्रयास किया है। अभी तक उसकी गिरफ्तारी नहीं हुई है जबकि शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने वाले हिन्दू नेताओं के ख़िलाफ बदले की भावना से पुलिस ने सरकार के इशारे पर कार्रवाई की है।
कांग्रेस नेताओं के दबाब में पलट जाता है बयान : ठाकुर
जयराम ठाकुर ने कहा कि उनकी सरकार ने रेहड़ी फड़ी वालों को पहचान प्रदर्शित करने के प्रावधान को लागू करने का निर्णय लिया था लेकिन उस वक्त कांग्रेसियों ने उसका जमकर मजाक बनाया था। आज कांग्रेस के यही नेता उसी नीति को अपना रहे हैं। मंत्री पहले कहते हैं उत्तर प्रदेश योगी सरकार की तर्ज पर वे इसे लागू करेंगे और सुबह होने तक दिल्ली से कांग्रेस नेताओं के दबाब में बयान पलट जाता है। उन्होंने कहा कि निर्णय बिल्कुल सही है लेकिन बड़ा सवाल यह है कि विक्रमादित्य सिंह अपने इस बयान पर कब तक कायम रहते हैं।