चंडीगढ़, 27 सितंबर (ट्रिन्यू/एजेंसी)
Sunil Jakhar resignation: पड़ोसी राज्य हरियाणा में विधानसभा चुनाव व पंजाब में पंचायत चुनाव की घोषणा के बीच पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने पद से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि अभी जाखड़ ने इसकी पुष्टि नहीं की है, लेकिन सुनील जाखड़ के करीबी और भाजपा के पंजाब और राष्ट्रीय संगठन के कई सूत्रों ने द ट्रिब्यून को पुष्टि की है कि जाखड़ ने इस्तीफा दे दिया है। हालांकि पार्टी ने इस्तीफे की बात को अफवाह बताया है।
सूत्रों के मुताबिक, जाखड़ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को पहले ही अपने पद से हटने की इच्छा जता दी थी। जालंधर उपचुनाव के बाद से जाखड़ ने अपने इस्तीफे की जानकारी पार्टी आलाकमान को दे दी थी, लेकिन उनका इस्तीफा अभी तक स्वीकार नहीं किया गया है। जाखड़ ने अपने इस्तीफे को लेकर कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया है।
बताया जा रहा है कि भाजपा की राज्य इकाई ने चुनावी रणनीति पर चर्चा और उसे अंतिम रूप देने के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की थी, लेकिन जाखड़ इस बैठक में शामिल नहीं हुए। जब पार्टी के एक वरिष्ठ सदस्य ने उन्हें फोन कर बैठक में भाग लेने के बारे में पूछा, तो उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि वह अब प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर किसी भी बैठक में भाग नहीं लेंगे।
सूत्रों के अनुसार, जाखड़ ने पिछले कुछ दिनों से पार्टी से दूरी बनानी शुरू कर दी थी। कई वरिष्ठ नेताओं के साथ उनकी राय में मतभेद की खबरें भी सामने आई थीं। जाखड़ लंबे समय तक कांग्रेस में रहे। मई 2022 मे्ं उन्होंने भाजपा का दामन थामा था। कांग्रेस से उनके परिवार का तीन पीढ़ियों का जुड़ाव रहा है, लेकिन भाजपा में शामिल होने के बाद उन्होंने कहा था कि उनका उद्देश्य राजनीति को जोड़ने का है, न कि निजी स्वार्थ के लिए।
वहीं, भाजपा की पंजाब इकाई ने शुक्रवार को कहा कि सुनील जाखड़ राज्य में पार्टी का नेतृत्व कर रहे हैं और ये अटकलें ‘बिल्कुल बेबुनियाद’ हैं कि उन्होंने अपना पद छोड़ दिया है। वैसे तो 70 वर्षीय जाखड़ खुद फोनकॉल का जवाब नहीं दे रहे हैं, लेकिन उनके करीबी संजीव त्रिखा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि ऐसा (पद छोड़ देने जैसा) कुछ नहीं है।
प्रदेश भाजपा महासचिव अनिल सरीन ने इसे ‘बिल्कुल बेबुनियाद’ और ‘झूठा’ करार दिया। उन्होंने कहा कि जाखड़ पार्टी की प्रदेश इकाई की अगुवाई कर रहे हैं। पार्टी के सदस्यता अभियान के सिलसिले में बृहस्पतिवार को हुई एक बैठक से जाखड़ के दूर रहने के बारे में सरीन ने कहा कि हर बैठक में प्रदेश इकाई प्रमुख का मौजूद रहना जरूरी नहीं है।
प्रदेश भाजपा प्रमुख पद से जाखड़ के इस्तीफे की खबरों पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं लुधियाना के सांसद अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘श्रीमान सुनील जाखड़, आपको शुभकामनाएं, अगला ठिकाना क्या होगा?” जाखड़ को जुलाई 2023 में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नियुक्त किया गया था और उन्होंने विधायक अश्विनी शर्मा की जगह ली थी।
वह मई 2022 में भाजपा में शामिल हुए थे। उससे तीन महीने पहले कांग्रेस पंजाब विधानसभा चुनाव हार गयी थी। पूर्व कांग्रेस नेता जाखड़ अबोहर विधानसभा क्षेत्र से तीन बार विधायक और गुरदासपुर से लोकसभा सदस्य भी रह चुके हैं। जाखड़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं 2012-16 के दौरान पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता भी रहे हैं। वह पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष दिवंगत बलराम जाखड़ के पुत्र हैं।