जितेंद्र अग्रवाल/हप्र
अम्बाला शहर, 26 सितंबर
बीती आधी रात के बाद आरंभ हुई बरसात ने एक बार फिर किसानों को सांसत में डालने का काम किया। खेतों में काफी पानी एकत्र होने से जहां धान की कटाई कई दिन पीछे पड़ गई वहीं आज मंडियों में धान की खरीद नहीं हाने से खुले में पड़ी हजारों क्विंटल गेहूं भीग गई।
शाम को नमीयुक्त पहुंचे धान को सुखाने के लिए फड़ों पर फैलाने का काम किया गया। अब करीब एक सप्ताह फसल देर से कटने की संभावनाएं किसान जता रहे हैं। अम्बाला शहर में भीगे धान और अन्य अव्यवस्थाओं के चलते आज भाकियू शहीद भगत सिंह के आहवान पर हिसार रोड पर अनाज मंडी के सामने करीब 2 घंटे के लिए धरना प्रदर्शन करके नारेबाजी की गई।
बाद में एसडीएम दर्शन कुमार और डीएफएससी अपार तिवारी ने मौके पर पहुंचकर किसान नेताओं से बात की। बाद में निर्धारित मानकों के अनुसार नमीयुक्त धान की कच्ची भर्ती करने के आश्वासन पर जाम को खोला गया। इस दौरान मुख्य मार्ग से हेकर गुजरने वाले वाहनों को असुविधा का सामना करना पड़ा। आज दिन में दोपहर तक चली बरसात ने क्षेत्र के किसानों के सपनों पर पानी फेरने का काम किया। अनाज मंडी में खुले में पड़ा सैकड़ों क्विंटल धान बरसात के कारण भीग गया। मंडी में चारों ओर सड़कों व नालियों में कबाड़े का साम्राज्य रहा।
कबाड़े के नालियों में चले जाने से निकासी अवरुद्ध हो गई और कई स्थानों पर रुके पानी के कारण भी धान की बोरियां गीली हो गईं। आढ़तियों ने बताया कि बरसात की संभावना को देखते हुए उन्होंने बीती रात ही अधिकतर धान की बोरियों को तिरपालों से ढकवा दिया था लेकिन हवा चलने के कारण कई जगह बोरियों पर बरसात पड़ ही गई। इससे धान में नमी की मात्रा और बढ़ गई और भीगे धान को दोबारा सुखाने का काम किया जाएगा। भारतीय किसान मजदूर यूनियन (सुरेश कोथ) के जिला प्रधान सुखविद्र सिंह जलबेड़ा के अनुसार दिन रात मेहनत करके किसानों ने धान पैदा किया और अब मौसम की मार पड़ रही है। खेतों में पानी एकत्र हो जाने से कई दिन कटाई नहीं हो पाएगी।
सब्जी उत्पादक किसान अभी अपनी फसल बीज ही नहीं पाएंगे। पराली के गट्ठर नहीं बन पाएंगे। किसानों की धान मंडियों में आते ही खरीद किए जाने की व्यवस्था का काम सरकार का है। यदि दिक्कत होती है तो यूनियन आगामी कड़े कदम उठाने को मजबूर होगी।
” इस सीजन में शहर मंडी में करीब 25 हजार क्विंल धन की आवक हो चुकी है लेकिन सरकारी खरीद प्रारंभ नहीं होने के कारण वह मंडी में ही पड़ी है। सड़कों व नालियों में पड़े कबाड़े को तेजी से उठवाने का काम किया जा रहा है ताकि पानी की निकासी सुचारू हो सके। बरसाती पानी में थोड़ी आवक प्रभावित जरूर हुई है अन्यथा बरसात की संभावना को देखते हुए सारे धान को तिरपालों से ढकवा दिया गया था। ”
-दलेल सिंह, सचिव मार्केट कमेटी अम्बाला।