चंडीगढ़, 26 सितंबर (ट्रिन्यू)
बीते 24 घंटों में हुई मूसलाधार बारिश से पीजीआई(पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च) परिसर के कुछ हिस्सों में जलभराव हो गया था, जिसे संस्थान की एक विशेष टीम ने तुरंत साफ कर दिया।
आगामी दो दिनों तक और बारिश की संभावना को देखते हुए संस्थान ने अपनी तैयारी और पुख्ता कर दी है ताकि कोई और व्यवधान न हो।
संस्थान के कार्यकारी निदेशक, जो डीन (शैक्षणिक) भी हैं, की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बैठक हुई।
इसमें इंजीनियरिंग, सफाई, सुरक्षा और अग्निशमन विभागों के प्रमुखों ने भाग लिया और आपातकालीन रणनीतियों पर चर्चा की। एक समर्पित टीम, जिसमें इंजीनियर, अग्निशमन और सुरक्षा कर्मी शामिल होंगे, को अस्पताल प्रशासन के डॉक्टर की निगरानी में काम करने का निर्देश दिया गया। यह टीम यह सुनिश्चित करेगी कि मरीजों की देखभाल सुचारू रूप से चलती रहे और सुरक्षा के सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं।
विभागों ने जलभराव की आशंका वाले क्षेत्रों से कुछ सेवाओं को अस्थायी रूप से स्थानांतरित करने पर भी विचार किया गया। इंजीनियरिंग विभाग महत्वपूर्ण बिजली प्रणालियों जैसे डीजी सेट, यूपीएस और पावर स्टेशनों की नियमित जांच करेगा ताकि किसी तकनीकी समस्या से बचा जा सके। संस्थान ने एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है, जहां इंजीनियरिंग, अग्निशमन और सुरक्षा विभागों के अधिकारी किसी भी आपात स्थिति का तुरंत समाधान करने के लिए तैनात रहेंगे।
बिना बाधा मरीजों की सेवाएं जारी
पीजीआई में मरीजों की सेवाएं बिना किसी बाधा के जारी हैं। आज 9,016 बाह्य रोगियों ने सेवाओं का लाभ उठाया गया, जिसमें 2,811 नए और 6,205 पुनः जांच मरीज शामिल थे। इसके अलावा 128 आपातकालीन मामले निपटाए गए। 12 प्रसव हुए, 180 सर्जरी की गईं और 159 कीमोथेरेपी सत्र आयोजित किए गए। संस्थान की ओर से स्थिति पर सतर्कता बरती जा रही है ताकि मरीजों, स्टाफ और आगंतुकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।