अवनींद्र कुमार सिंह
(साइबर एवं डिजिटल फॉरेंसिक एक्सपर्ट/एनालिस्ट- कंसल्टेंट लॉ इन्फोर्समेंट- भारत सरकार)
साइबर एवं डिजिटल फॉरेंसिक एक्सपर्ट अवनींद्र कुमार सिंह कहते हैं कि ऑनलाइन खतरों से बचाव संभव है। बस जरूरी है सावधान रहने और ‘लालच’ से बचने की। क्या दुनियाभर में, खासतौर पर भारत में मोबाइल इस्तेमाल करने वाले करोड़ों लोग भी ‘अलग तरह के खतरे’ की जद में है, पूछने पर अवनींद्र कुमार कहते हैं, ‘फोन निर्माता बड़ी कंपनियों के पास रिसर्च एवं डेवलपमेंट (आर एंड डी) के लिए बहुत बड़ा स्टाफ होता है। एक्सपर्ट की यह टीम सॉफ्टवेयर अपडेट के लिए हर तरह की सावधानी बरतती है। लेकिन कई बार अनजानी सी कंपनियों के फोन पर अपडेट के नाम पर काफी नुकसान हो सकता है। मोबाइल पर खतरों के सवाल पर अवनींद्र ने कहा, ‘फोन हैक हो सकता है, आपके फोन की हर गतिविधि पर नजर रखी जा सकती है, आपका डाटा चुराया जा सकता है।’ हैकिंग के खतरों पर विस्तार से बात करते हुए साइबर एक्सपर्ट ने कहा कि जब भी कभी कोई अनजान आईडी से मेल आए तो सावधानी जरूरी है। खासतौर से ऐसे ईमेल से जिसमें आपसे जानकारी देने को कहा गया हो। अवनींद्र ने कहा कि ऐसे मेल को डिलीट तो करें ही साथ ही उसे स्पैम में डाल दें। यदि ईमेल अकाउंट ऑफिशियल हो तो उसे ‘फिशिंग’ में डाल दें। असल में फिशिंग ऐसा ऑप्शन है जिससे सरवर मैनेज करने वालों को ऐसे खतरनाक मेल के बारे में जानकारी मिल जाती है और व्यक्ति विशेष तक पहुंचने से पहले ही इसे डिलीट किया जा सकता है। उनका कहना है कि खुद सतर्क रहते हुए जागरूकता बढ़ाना भी हर जिम्मेदार नागरिक का कर्तव्य है। कभी भी फर्जी से लगने वाले ईमेल, मैसेज को रेस्पॉन्स न करें। साइबर बुलिंग की बात करते हुए अवनींद्र ने कहा कि ऑनलाइन ठगी या किसी तरह के लफड़े में फंसने का एकमात्र कारण होता है ‘लालच।’ अमूमन तो लोग पैसे के लालच में आ जाते हैं। कभी गिफ्ट वाउचर और कभी कुछ ‘कैश बैक’ के लालच में आकर हम फर्जी लिंक पर क्लिक कर देते हैं। ऐसा ही मामला हनी ट्रैप का भी है। इसलिए हमें लालच से दूर रहते हुए हमेशा सतर्क रहना चाहिए। समय-समय पर सरकार एवं एक्सपर्ट की चेतावनी को ध्यान में रखना चाहिए।