लुधियाना, 29 सितंबर (रविंदर शर्मा/निस)
SP Oswal Vardhaman Group: लुधियाना में प्रसिद्ध टैक्सटाइल स्पिनिंग कंपनी वर्धमान ग्रुप के चेयरमैन एसपी ओसवाल से ठगों ने सात करोड़ रुपए की ठगी कर ली। ठगों ने सुप्रीम कोर्ट के फर्जी आदेशों के आधार पर उन्हें गिरफ्तारी और प्रॉपर्टी सीलिंग का भय दिखाया, जिसके बाद उन्होंने ठगों के झांसे में आकर यह भारी रकम दे दी। पुलिस ने एक ठग को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि मामले की जांच जारी है।
ऐसे हुए ठगी का शिकार
एसपी ओसवाल के अनुसार, ठगों ने खुद को दिल्ली से बोलने वाला बताकर उन्हें एक काल की। उन्होंने ओसवाल को बताया कि उनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ है और उनकी प्रॉपर्टी को सील करने के आदेश निकाले जा चुके हैं। ठगों ने ओसवाल को वीडियो कॉल के जरिए अपनी बात पुख्ता साबित करने का प्रयास किया, जिसमें एक आरोपी खुद को कोर्ट के अधिकारी के रूप में पेश कर रहा था।
फर्जी दस्तावेजों के जरिए रची साजिश
ठगों ने सुप्रीम कोर्ट के नाम से फर्जी गिरफ्तारी वारंट और प्रॉपर्टी सीलिंग के आदेश ओसवाल को भेजे। इन दस्तावेजों में वर्धमान ग्रुप और ओसवाल का नाम बार-बार उपयोग किया गया, ताकि उन्हें पूरा विश्वास हो जाए कि मामला असली है। ठगों ने ओसवाल को कोर्ट के केस से बचाने और गिरफ्तारी से बचाने के लिए सात करोड़ रुपए की मांग की।
ओसवाल को इस जालसाजी की साजिश का अंदाजा नहीं हुआ, और उन्होंने ठगों को यह राशि दे दी। उन्होंने कहा कि ठग पढ़े-लिखे और कानून की अच्छी जानकारी रखने वाले थे, जिससे उनकी बातों पर विश्वास करना आसान हो गया।
पुलिस की कार्रवाई और जांच
घटना की शिकायत मिलते ही पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। बाकी आरोपियों की तलाश जारी है और पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि इस जालसाजी में और कौन-कौन शामिल हो सकते हैं। यह ठगी एक अच्छी तरह से योजना बनाकर की गई है और ठगों को कानून की अच्छी जानकारी थी, जिससे उन्होंने कोर्ट के फर्जी दस्तावेज तैयार किए और उद्योगपति को चूना लगा दिया।
आम जनता को सावधानी बरतने की सलाह
इस घटना के बाद पुलिस ने आम जनता को सतर्क रहने की सलाह दी है। ऐसे मामलों में बिना सत्यापन के किसी भी फोन कॉल, संदेश या दस्तावेज़ पर विश्वास न करने का सुझाव दिया गया है। किसी भी कानूनी मामले में पुलिस या किसी प्राधिकृत व्यक्ति से सलाह लेकर ही कदम उठाने की अपील की गई है।