- इनेलो-बसपा गठबंधन की संजना सातरोड़ ने बरवाला सीट पर बनाये नये समीकरण
- नलवा में कुलदीप बिश्नोई की परीक्षा, कांग्रेस के अनिल मान बने परिहार के लिए चुनौती
- सैलजा के गढ़ उकलाना में कांग्रेस और भाजपा में टक्कर, अनूप धानक पर भाजपा ने जताया भरोसा
दिनेश भारद्वाज/ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
हिसार, 29 सितंबर
विधानसभा सीटों के लिहाज से हिसार हरियाणा का सबसे बड़ा जिला है। इसके अंतर्गत सात विधानसभा क्षेत्र आते हैं। आदमपुर सीट भजनलाल परिवार, हिसार सावित्री जिंदल और नारनौंद कैप्टन अभिमन्यु की वजह से हॉट सीट बनी हुई हैं। बरवाला हलके में त्रिकोणीय मुकाबला बना हुआ है। इस सीट पर इनेलो-बसपा गठबंधन की संजना सातरोड़ भाजपा व कांग्रेस के चुनावी समीकरण बिगाड़ रही हैं। वहीं हांसी, उकलाना और नलवा हलकों में आमने-सामने की टक्कर देखने को मिल रही है।
नलवा के मौजूदा विधायक और विधानसभा के डिप्टी स्पीकर रणबीर सिंह गंगवा को इस बार भाजपा ने नलवा की बजाय बरवाला से टिकट दिया है। बरवाला से 2019 में जजपा के जोगीराम सिहाग विधायक बने थे। वे भी भाजपा टिकट के दावेदार थे लेकिन पार्टी ने उनकी जगह रणबीर सिंह गंगवा पर भरोसा जताया। वहीं कांग्रेस ने पूर्व विधायक रामनिवास घोड़ेलो को बरवाला से टिकट दिया। घोड़ेला को टिकट देने का कुछ स्थानीय लोगों द्वारा नई दिल्ली जाकर कांग्रेस मुख्यालय में विरोध भी किया गया था।
पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नजदीकियों में शामिल घोड़ेला को टिकट मिली। रणबीर सिंह गंगवा और रामनिवास घोड़ेला प्रजापति हैं। वहीं इनेलो-बसपा गठबंधन ने इस हलके के जाट वोटरों को देखते हुए संजना सातरोड़ को अपना उम्मीदवार बनाया। इसी गांव के कांग्रेस नेता और कुमारी सैलजा के समर्थक कृष्ण सातरोड़ भी कांग्रेस टिकट के प्रबल दावेदारों में थे। संजना सातरोड़ के चुनावी मैदान में आने के बाद बरवाला की सीट पर बड़ा घमासान शुरू हो गया है। यहां अब त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है।
वहीं नलवा से भाजपा ने पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई की सिफारिश पर रणधीर सिंह पनिहार को टिकट दिया है। पनिहार भजनलाल परिवार के पारिवारिक सदस्य हैं। कांग्रेस ने नलवा में अनिल मान को टिकट दिया है। मान की गिनती हुड्डा के नजदीकियों में होती है। दोनों ही प्रमुख पार्टियों के जाट उम्मीदवार होने की वजह से यहां मुकाबला आमने-सामने का बना हुआ है। अनिल मान के लिए रोहतक सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा भी पूरा जोर लगा रहे हैं। नलवा से टिकट नहीं मिलने पर पूर्व वित्त मंत्री प्रो़ संपत सिंह नाराज भी हो गए थे। लेकिन दीपेंद्र हुड्डा उन्हें मनाने में कामयाब रहे।
नलवा की सीट जहां कुलदीप बिश्नोई की प्रतिष्ठा से जुड़ी है। वहीं हुड्डा खेमे ने भी इस सीट पर पूरा जोर लगाया हुआ है। हिसार सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश ‘जेपी’ भी अनिल मान की पूरी मदद कर रहे हैं। 2008 के परिसीमन में आदमपुर हलके से अलग करके नलवा नई विधानसभा सीट बनाई गई। इसमें दूसरे हलकों का भी कुछ हिस्सा मिलाया गया। आदमपुर की तरह नलवा में भी बिश्नोई वोटर हैं। इसी के चलते कुलदीप बिश्नोई ने अपने दोस्त रणधीर सिंह पनिहार को यहां से टिकट दिलवाई। वहीं अनिल मान भी लम्बे समय से इस हलके में एक्टिव थे। इस सीट पर आमने-सामने की टक्कर बनी हुई है।
हांसी में सीधी भिड़ंत
हांसी विधानसभा क्षेत्र में भी इस बार रोचक मुकाबला हो रहा है। यहां कांग्रेस और भाजपा में सीधी भिड़ंत हो रही है। भाजपा ने मौजूदा विधायक विनोद भ्याना पर ही विश्वास किया है। वहीं कांग्रेस ने भूतपूर्व मुख्य संसदीय सचिव अमीरचंद मक्कड़ के पोते राहुल मक्कड़ को टिकट दिया है। राहुल ने 2019 का चुनाव जजपा टिकट पर लड़ा था। इस चुनाव में राहुल मक्कड़ 30 हजार 931 वोटों के साथ दूसरे नंबर पर रहे थे। कांग्रेस के ओमप्रकाश को महम 3 हजार 468 वोट मिले थे और वे अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए। विनोद भ्याना पहली बार 2009 में हरियाणा जनहित कांग्रेस की टिकट पर यहां से विधायक बने थे और फिर कांग्रेस में शामिल हो गए थे। 2019 के चुनावों से पहले वे भाजपा में आ गए और उन्हें पार्टी ने टिकट दिया और वे जीतने में कामयाब रहे। इस बार राहुल मक्कड़ से विनोद भ्याना को कड़ी टक्कर मिल रही है।
सैलजा के गढ़ में सेलवाल
उकलाना हलका पूर्व केंद्रीय मंत्री व सिरसा विधायक कुमारी सैलजा का पैतृक एरिया है। वे खुद यहां से विधानसभा चुनाव लड़ना चाहती थीं। लेकिन कांग्रेस ने पूर्व विधायक नरेश सेलवाल को टिकट दिया। माना जा रहा है कि सैलजा के नाराज होने की सबसे बड़ी वजह भी यह सीट रही। नरेश सेलवाल 2009 में कांग्रेस टिकट पर विधायक बने थे। उस समय वे सैलजा के समर्थक थे। 2019 का चुनाव उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर लड़ा था। भाजपा ने पूर्व मंत्री व 2014 में इनेलो और 2019 में जजपा टिकट पर उकलाना से विधायक बने अनूप धानक को अपना उम्मीदवार बनाया है। इस सीट पर मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच ही है।