नयी दिल्ली, 4 अक्तूबर (एजेंसी)
विदेश मंत्री एस. जयशंकर शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में शामिल होने के लिए पाकिस्तान की यात्रा करेंगे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार को यह घोषणा की। यह सम्मेलन 15 और 16 अक्तूबर को इस्लामाबाद में होगा। इससे पहले दिसंबर 2015 में सुषमा स्वराज ने भारत की विदेश मंत्री के रूप में पाकिस्तान का दौरा किया था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार को जयशंकर की यात्रा की घोषणा करते हुए स्पष्ट किया कि विदेश मंत्री सिर्फ एससीओ शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे। वरिष्ठ मंत्री को भेजने के निर्णय को एससीओ के प्रति भारत की प्रतिबद्धता के रूप में देखा जा रहा है, जो क्षेत्रीय सुरक्षा सहयोग को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। पुलवामा आतंकवादी हमले के जवाब में फरवरी, 2019 में भारत के युद्धक विमानों द्वारा पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर पर बमबारी के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गये थे। भारत लगातार कहता रहा है कि वह पाकिस्तान के साथ संबंध सामान्य बनाना चाहता है और साथ ही इस बात पर जोर देता रहा है कि इस तरह के संबंधों के लिए आतंकवाद और शत्रुता से मुक्त वातावरण बनाने की जिम्मेदारी इस्लामाबाद पर है।
एससीओ के शासनाध्यक्षों की परिषद का सम्मेलन समूह का दूसरा सबसे बड़ा मंच है। भारत, चीन, रूस, पाकिस्तान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान से मिलकर बना एससीओ एक प्रभावशाली आर्थिक और सुरक्षा समूह है जो सबसे बड़े अंतरक्षेत्रीय अंतरराष्ट्रीय संगठनों में से एक के रूप में उभरा है। भारत पिछले साल एससीओ का अध्यक्ष था।
श्रीलंका के शीर्ष नेतृत्व से मिले विदेश मंत्री
कोलंबो : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के अलावा कई नेताओं से मुलाकात की। जयशंकर ने श्रीलंका को आर्थिक संकट से उबरने में भारत के सहयोग जारी रखने के प्रति भी आश्वस्त किया। श्रीलंका के राष्ट्रपति के रूप में दिसानायके के शपथ लेने के पखवाड़े भर के अंदर, जयशंकर एक दिवसीय दौरे पर शुक्रवार सुबह यहां पहुंचे। उन्होंने श्रीलंका की प्रधानमंत्री हरिनी अमरसूर्या और विदेश मंत्री विजिता हेराथ से भी मुलाकात की। दिसानायके के नेतृत्व वाली ‘नेशनल पीपुल्स पावर’ (एनपीपी) की सरकार के 23 सितंबर को सत्ता में आने के बाद जयशंकर श्रीलंका का दौरा करने वाले पहले विदेशी राजनयिक हैं। उन्होंने नयी सरकार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से शुभकामनाएं दीं।