अम्बाला शहर, 14 अक्तूबर (हप्र)
बाल्यकाल में ही बच्चों को रचनात्मक गुण सिखाए जा सकते हैं। जो बच्चे नृत्य, चित्रकला, गीत गायन आदि प्रतियोगिता में भाग ले रहे हैं वे आगे चलकर इन्हीं क्षेत्रों मे निपुण कलाकार बन सकते हैं। यह दौर बच्चों के लिए अपार संभावनाओं से भरा होता है जो उनके लिए एक नई दिशा सृजित करता है। इसलिए सभी बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ प्रतियोगिताओं में भाग लेना चाहिए। इसमें शिक्षकों और अभिभावकों को भी बच्चों की मदद करनी चाहिए। ये उद्गार जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी सुधीर कालड़ा ने व्यक्त किए। वह आज पंचायत भवन सभागार में आयोजित जिला स्तरीय बाल महोत्सव प्रतियोगिता-2024 के कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि पहुंचे थे। उन्होंने कार्यक्रम का शुभारंभ किया और बच्चों द्वारा की जा रही क्ले मॉडलिंग व स्कैचिंग का अवलोकन किया। इस दौरान जिला बाल कल्याण अधिकारी विश्वास मलिक व खंड शिक्षा अधिकारी सतबीर सैनी भी मौजूद रहे।
उन्होंने कहा कि बाल दिवस के उपलक्ष्य पर जिला स्तरीय बाल महोत्सव प्रतियोगिताएं-2024 का आयोजन किया जा रहा है। इसमें जिलेभर से विभिन्न सरकारी व गैर सरकारी स्कूलों के बच्चे भाग लेकर अपनी प्रतिभा एवं कलाओं का रंग बिखेर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिला बाल कल्याण परिषद अनेक बच्चों को हर साल उनकी छिपी हुई प्रतिभा को प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि बच्चों को प्रतियोगिताओं में बढ़चढ़ कर भाग लेना चाहिए।
जिला बाल कल्याण अधिकारी विश्वास मलिक ने बताया कि हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद के निर्देशानुसार 14 अक्तूबर से 21 अक्तूबर तक जिला स्तरीय बाल महोत्सव प्रतियोगिताएं-2024 का आयोजन किया जा रहा है। इसमें पूरे जिले के विभिन्न निजी व सरकारी स्कूलों के सैकड़ों बच्चे भाग ले रहे हैं।