पानीपत, 16 अक्तूबर (हप्र)
कृषि विभाग किसानों में जागरूकता के साथ ही पराली जलाने की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए सेटेलाइट व मोबाइल टीमों के माध्यम से निगरानी कर रहा है। उपायुक्त डॉ. वीरेंद्र कुमार दहिया ने बताया कि सभी कमेटियां 15 नवंबर तक फसल अवशेष जलाने वालों पर निगरानी बरतेंगी। जरूरत पड़ने पर इस तिथि को आगे भी बढ़ाया जा सकता है। हरियाणा सेटेलाइट एप्लीकेशन सेंटर हिसार द्वारा 3 सेटेलाइट लगाये हुए हैं जो फसल अवशेष जलाने वालों पर निगरानी रख रहे हैं।
कृषि विभाग के एसडीओ देवेन्द्र कुहाड़ ने बताया कि सरकार उन किसानों को प्रोत्साहित कर रही है जो किसान फसल अवशेष नहीं जलाते उन्हें एक-एक हजार रुपए प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि के रूप में दिए जाते है। जिले में 48 किसानों को बैलर की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है।
जिले में अभी तक 24 स्थानों पर फसल अवशेष जलाने की घटनाएं सामने आई हैं। इनमें समालखा उपमंडल में 10, इसराना व पानीपत उपमंडल में 4-4, बापौली में 2 व मतलौडा में 4 घटनाएं शामिल हैं। उन्होंने बताया कि कृषि विभाग द्वारा अब तक 7 एफआईआर दर्ज करवाई गई है व 9 का चालान किया गया है। उपायुक्त ने बताया कि जिले में 10 मोबाइल टीमें फील्ड में अपना कार्य कर रही हैं।
पराली न जलाने बारे किया जागरूक
सीवन (निस) : कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन के अंतर्गत खंड सीवन के गांव सीवन, कांगथली, सैर, पहाड़पुर, जनेदपुर, तारावली, कसौर, उरलाना, पिसौल, लैंडर कीमा, आंधली, फर्श माजरा में फ्लैग मार्च निकालकर किसानों को पराली में आग न लगाने बारे जागरूक किया गया। नायब तहसीलदार सीवन मीनू कौशिक ने किसानों को बताया कि धान की फसल अवशेषों में आग लगने से पर्यावरण प्रदूषित होने के साथ-साथ हमारे जमीन में आवश्यक पोषक तत्वों का नुकसान होता है। डा. कुलदीप सिंह ने कहा कि यदि किसान अपने धान की पराली का कृषि यंत्र द्वारा पराली प्रबंधन करवाए तो उसे किसान को प्रति एकड़ 1000 रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इस मौके पर डा. लोचन बी.टी.एम. सीवन, डा. अनुप ए.टी.एम. व कृषि विभाग के स्टाफ मौजूद रहे।