चंडीगढ़, 20 अक्तूबर (ट्रिन्यू)
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा से कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा ने कहा है कि प्रदेश की भाजपा सरकार ने शपथ लेने के बाद सबसेे पहला कदम ही किसानों के विरोध में उठाया है। सरकार का नया आदेश हरियाणा के किसानों पर एक और हमला है। पराली जलाने पर एफआईआर के साथ रेड एंट्री कर किसानों को अगले दो सीजन तक एमएसपी पर फसल बेचने से रोकना न केवल तानाशाही है, बल्कि छोटे किसानों की रोज़ी-रोटी पर सीधा प्रहार है। आर्थिक तंगी से जूझ रहे किसानों को दंडित करने के बजाय सरकार को समाधान देना चाहिए। किसानों को डराने से समस्या का समाधान होने वाला नहीं हैं। मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा है कि बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए हरियाणा में पराली जलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। सरकार की तरफ से जारी एक आदेश में पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने को कहा गया है। इतना ही नहीं ऐसा करने वाले किसान अगले दो सीजन तक अपनी फसल भी नहीं बेच पाएंगे। ऐसा करने वाले किसानों के खिलाफ रेड एंट्री दर्ज की जाएगी। इसके बाद वे ई-खरीद पोर्टल में लॉगिन नहीं कर पाएंगे। सरकार ने ऐसा आदेश 17 अक्तूबर को जारी हुआ है। यानी सरकार ने शपथ लेने के बाद किसानों को पहला तोहफा दिया है। सच तो ये है कि यह फैसला पूरी तरह से किसान विरोधी है। उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के निदेशक ने यह आदेश राज्य के सभी उपायुक्तों और नोडल ऑफिसर्स को भेजा है।