गुहला चीका, 20 अक्तूबर (निस)
प्रदेश में इन दिनों गेहूं व सरसों की बुवाई का सीजन जोरों पर हैं लेकिन किसानों को जरूरत के अनुसार डीएपी खाद नहीं मिल रहा, जिससे वे परेशान है। रविवार को कोऑपरेटिव सोसायटी चीका में डीएपी के वितरण की खबर मिलते ही अनेक किसान सोसायटी कार्यालय पर पहुंच गए और खाद के लिए कतारों में खड़े हो गए। लेकिन सोसाइटी में डीएपी के मात्र 500 बैग ही पहुंचे, जिसके कारण एक किसान को केवल 5 से 10 बैग ही मिल पाए।
किसान गुरमुख सिंह, गुरविंदर सिंह, नरेश कुमार, बलविंदर सिंह, देवी दयाल, रामकिशन, हवा सिंह ने कहा कि बुवाई के समय पर हर साल खाद की किल्लत हो जाती है। किसानों ने कहा कि सरकार समय रहते खाद का स्टाक नहीं करती जिसके चलते किसानों को परेशानी उठानी पड़ती है। किसानों ने मांग की है कि उन्हें जरूरत के अनुसार डीएपी उपलब्ध करवाया जाए ताकि समय पर गेहूं की बुवाई हो सके। उन्होंने कहा कि न तो सहकारी समितियों में खाद मिल रही है और न ही निजी दुकानों में पर पर्याप्त खाद उपलब्ध है। किसानों ने अधिकारियों पर अपने चहेतों को खाद देने के आरोप भी लगाए है।
सरसों की बिजाई के लिए ही डीएपी की एक गाड़ी में 500 बैग रविवार सुबह आई थी जो सभी किसानों में 10 बैग के हिसाब से बांट दिए गए। खाद की कोई कमी नहीं है। पिछले सप्ताह भी डीएपी के एक हजार बैग किसानों को दिए गए है। अपने चहेतों को खाद देने के आरोप निराधार है। नियमानुसार सभी को खाद उपलब्ध करवाई जा रही है।
राजेंद्र कुमार, मैनेजर कोपरेटिव सोसाइटी चीका।