चंडीगढ़, 25 अक्तूबर (ट्रिन्यू)
Punjab Farmer Protest: धान की खरीद में देरी के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के आह्वान पर आज पंजाब के कई हिस्सों में किसानों ने चार घंटे का चक्का जाम किया, जिससे यातायात बाधित हुआ और आम लोगों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा। किसानों ने पंजाब की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार और केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर आरोप लगाया कि वे धान की खरीद में देरी कर राज्य को कृषि संकट में डाल रहे हैं।
लालड़ू मंडी आईटीआई चौक पर सुबह 11 बजे किसान धरने पर बैठे, जिससे चंडीगढ़-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग अवरुद्ध हो गया। हालांकि, पुलिस ने बरवाला रोड तक वैकल्पिक मार्ग से यातायात चालू रखा।
रूपनगर, लुधियाना और कपूरथला में भी कई जगहों पर सड़कों पर धरना देकर किसानों ने यातायात अवरुद्ध कर दिया। रूपनगर जिले में पुलिस लाइन टी-पॉइंट, मोरिंडा, बुंगा साहिब, भरतगढ़ और अगमपुर में नाकेबंदी की गई, जबकि कपूरथला में जालंधर-अमृतसर राष्ट्रीय राजमार्ग, ढिलवां टोल प्लाजा और अन्य प्रमुख सड़कों पर यातायात बाधित रहा।
फगवाड़ा के शुगर मिल चौक और लुधियाना-जालंधर के कई हिस्सों में जीटी रोड पर यातायात धीमी गति से चल रहा है। किसानों के इस आंदोलन के कारण सर्विस लेन का सहारा लेकर यातायात को सुचारु रूप से चलाने का प्रयास किया जा रहा है।
आगे बढ़ेगा प्रदर्शन
किसान मजदूर मोर्चा के सरवन सिंह पंधेर ने घोषणा की है कि अगर धान की खरीद में सुधार नहीं हुआ, तो 26 अक्तूबर से अनिश्चितकालीन चक्का जाम शुरू किया जाएगा। फगवाड़ा, बटाला, संगरूर और मोगा जिलों में यह आंदोलन तेज होने की संभावना है।एसकेएम के वरिष्ठ नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि “पंजाब की आप सरकार और केंद्र सरकार दोनों ही इस गड़बड़ी के लिए समान रूप से जिम्मेदार हैं।”
उन्होंने कहा कि सरकार को दोषारोपण करने के बजाय किसानों के हित में ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए। किसान नेता गुरदीप सिंह ने आरोप लगाया कि निजी व्यापारी किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम कीमत देकर ठग रहे हैं, जिससे किसानों में भारी असंतोष है।
पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह खन्ना अनाज मंडी पहुंचे
भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने खन्ना अनाज मंडी का दौरा कर किसानों, आढ़तियों और मजदूरों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि वह धान खरीद योजना में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग करेंगे।