दुबई, 26 अक्टूबर (एपी)
Israel-Iran war: इस्राइल ने शनिवार सुबह ईरान पर हवाई हमले किए और कहा कि उसने ईरान द्वारा इस महीने की शुरुआत में इस्राइल पर दागे गए बैलिस्टिक मिसाइलों के जवाब में उसके सैन्य स्थलों को निशाना बनाया। विस्फोटों की आवाज ईरान की राजधानी तेहरान में भी सुनी गईं लेकिन इस्लामी गणराज्य ने जोर देकर कहा कि इन हमलों से केवल “सीमित क्षति” हुई है।
इन हमलों ने दोनों कट्टर शत्रुओं के बीच ऐसे समय में पूर्ण युद्ध का खतरा बढ़ा दिया है जब पश्चिम एशिया में ईरान समर्थित चरमपंथी समूह- गाजा में हमास और लेबनान में हिजबुल्ला- पहले से ही इस्राइल के साथ युद्धरत हैं।
यह पहली बार है जब इस्राइल की सेना ने ईरान पर खुलेआम हमला किया। इसके अलावा, 1980 के दशक में इराक के साथ युद्ध के बाद से किसी शत्रु देश ने ईरान पर इस प्रकार पहली बार लगातार हमले किए हैं।
इस्राइल के घंटों चले हमले तेहरान में सूर्योदय से कुछ देर पहले ही समाप्त हुए। इस्राइल ने कहा कि उसने ईरान में मिसाइल निर्माण संयंत्रों और अन्य स्थलों को निशाना बनाकर हमले किए। उसने कहा कि ईरान में हमले करने के बाद उसके विमान ‘‘सुरक्षित स्वदेश लौट आए हैं।”
इस्राइली सेना ने कहा कि उसके विमानों ने ‘‘उन मिसाइल निर्माण संयंत्रों पर हमला किया, जिनका इस्तेमाल उन मिसाइलों को बनाने के लिए किया जाता था जिन्हें ईरान ने पिछले साल इस्राइल पर दागा था।”
सेना ने कहा, ‘‘इन मिसाइल ने इस्राइल के नागरिकों के लिए सीधा और तत्काल खतरा पैदा किया।” उसने कहा कि उसने ‘‘सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों और उन अतिरिक्त ईरानी हवाई क्षमताओं पर भी हमला किया, जिनका उद्देश्य ईरान में इस्राइल की हवाई संचालन स्वतंत्रता को प्रतिबंधित करना था।”
इस्राइल ने इन हमलों से हुए नुकसान का कोई शुरुआती आकलन मुहैया नहीं कराया। शुरुआत में माना जा रहा था कि ईरान के एक अक्टूबर के हमले के जवाब में इस्राइल उसके परमाणु केंद्रों और तेल प्रतिष्ठानों को निशाना बना सकता है, लेकिन अक्टूबर के मध्य में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने बताया कि उसे इस्राइल ने आश्वासन दिया है कि वह ऐसे केंद्रों पर हमला नहीं करेगा।
इस्राइली सैन्य प्रवक्ता रियर एडमिरल डैनियल हगारी ने पहले से रिकॉर्ड किए गए वीडियो संदेश में शनिवार को कहा, ‘‘ईरान का शासन और क्षेत्र में उसके समर्थक सात अक्टूबर से इस्राइल पर लगातार हमले कर रहे हैं… जिनमें ईरानी धरती से किए गए सीधे हमले भी शामिल हैं।”
उन्होंने कहा, ‘‘दुनिया के हर अन्य संप्रभु देश की तरह इस्राइल को भी जवाब देने का अधिकार है और यह उसका कर्तव्य है।” इस बीच, अमेरिका ने कहा कि ईरान पर इस्राइल के हमलों से हिसाब बराबर हो चुका है और अब दोनों शत्रु देशों के बीच प्रत्यक्ष सैन्य हमले बंद होने चाहिए।
अमेरिका ने ईरान को चेतावनी दी कि यदि उसने इस्राइल पर जवाबी हमले किए तो उसे इसके ‘‘अंजाम” भुगतने पड़ेंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास एवं कार्यालय ‘व्हाइट हाउस’ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उनके प्रशासन को लगता है कि इस्राइली (सैन्य) अभियान के उपरांत अब दोनों देशों के बीच सीधे सैन्य हमले ‘‘बंद होने” चाहिए और अन्य सहयोगी देश भी इससे सहमत हैं।
‘व्हाइट हाउस’ के नियमों के अनुसार नाम न उजागर करने की शर्त पर अधिकारी ने बताया कि इस्राइली अभियान ‘‘व्यापक, सटीक और लक्षित” था। उन्होंने कहा कि अमेरिका की इस हमले में कोई संलिप्तता नहीं है। ईरान की सेना ने कहा कि इस्राइल ने उसके इलाम, खुजस्तान और तेहरान प्रांतों में सैन्य ठिकानों को निशाना बनाकर हमले किए, जिनमें ‘‘सीमित क्षति” हुई।
ईरान के सशस्त्र बलों का यह बयान सरकारी टेलीविजन चैनल पर पढ़ा गया, लेकिन इस दौरान हमलों में हुए नुकसान से जुड़ी कोई तस्वीर नहीं दिखाई गई। ईरान की सेना ने दावा किया कि उसकी हवाई सुरक्षा प्रणाली ने हमलों से होने वाले नुकसान को सीमित कर दिया, हालांकि उसने इस संबंध में कोई अतिरिक्त सबूत नहीं दिया।
ईरान के सरकारी मीडिया ने तेहरान में विस्फोटों की आवाज सुनाई देने की बात स्वीकार की और कहा कि कुछ आवाजें शहर के चारों ओर स्थित वायु रक्षा प्रणालियों से आई थीं। ईरानी सरकारी टेलीविजन चैनल ने कई घंटों तक इसके अलावा कोई अन्य विवरण नहीं दिया, बल्कि उसने यह जानकारी देने के तुरंत बाद हमले को कमतर करके दिखाने के प्रयास में तेहरान की सब्जी मंडी में ट्रकों में सामान लादने वाले लोगों के फुटेज का सीधा प्रसारण किया।
तेहरान के एक निवासी ने अपनी पहचान गोपनीय रखे जाने की शर्त पर ‘एसोसिएटेड प्रेस’ को बताया कि हमलों की पहली लहर में कम से कम सात विस्फोटों की आवाज सुनी गई, जिससे आसपास का इलाके के लोगों में दहशत फैल गई। ईरान ने शनिवार की सुबह देश का हवाई क्षेत्र बंद कर दिया।
‘एसोसिएटेड प्रेस’ ने उड़ानों पर नजर रखने वाले डेटा का विश्लेषण किया, जिससे पता चलता है कि अधिकतर वाणिज्यिक विमान ईरान, इराक, सीरिया और लेबनान के हवाई क्षेत्र से बाहर चले गए हैं।
अमेरिका के राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास एवं कार्यालय ‘व्हाइट हाउस’ ने बताया कि बाइडन को हमलों की जानकारी दी गई है और उन्हें ताजा जानकारी दी जाती रहेगी। इस बीच सीरिया में, सरकारी समाचार एजेंसी ‘सना’ ने एक सैन्य अधिकारी का हवाला देते हुए बताया कि देश के मध्य और दक्षिणी क्षेत्र में सैन्य ठिकानों को निशाना बनाकर मिसाइल दागी गईं।
उसने कहा कि सीरिया के हवाई सुरक्षा बलों ने कुछ मिसाइलों को मार गिराया है। इन हमलों में हताहत हुए लोगों के बारे में तत्काल कोई जानकारी नहीं दी गई। हगारी ने बाद में एक वीडियो में कहा, ‘‘इस्राइली रक्षा बलों ने अपना मिशन पूरा कर लिया है। अगर ईरान में शासन ने तनाव और बढ़ाने के नये दौर की शुरुआत करने की गलती की तो हमें जवाब देने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।”
सीरिया में ईरानी राजनयिक चौकी पर इस्राइल के हवाई हमले में दो ईरानी जनरल की मौत के बाद ईरान ने इस्राइल पर मिसाइल और ड्रोन से हमले किए थे। इस हमले में ज्यादा नुकसान नहीं हुआ था और इस्राइल ने संयम बरतने को लेकर पश्चिमी देशों के दबाव के कारण जवाब में सीमित हमले किए, लेकिन अक्टूबर की शुरुआत में ईरान के मिसाइल हमले के बाद उसने करारा जवाब देने का संकल्प लिया था।
इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा था कि ईरान ने ‘‘बड़ी भूल की है।” ईरान ने एक अक्टूबर की शाम को इस्राइल में कम से कम 180 मिसाइल दागी थीं। ईरान ने कहा था कि यह हमला हाल के महीनों में किए गए उन हमलों का बदला था, जिनमें ईरानी सेना, हिजबुल्ला और हमास के नेता मारे गए थे।